रतनगढ़ में
चूरू लोकसभा क्षेत्र के चुनाव अभियान के अन्तर्गत स्थानीय सराफ गेस्ट हाऊस में लोकसभा कांग्रेस प्रत्याशी रफीक मण्डेलिया के समर्थन में शहर व देहात कार्यकर्ताओं का सम्मेलन जिला अध्यक्ष भंवरलाल पुजारी की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। इस अवसर पर राजस्थान कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष व पूर्व विधायक हाजी मकबूल मण्डेलिया ने कहा कि कांग्रेस 36 कौम की पार्टी है। उन्होंने कहा कि आपके रतनगढ़ छोटी काशी का लाल रफीक मण्डेलिया को कांग्रेस ने विश्वास जताते हुए चूरू लोकसभा से प्रत्याशी बनाया है। अत: आपसे निवेदन है कि रतनगढ़ की जनता रतनधरा के लाल को अपना मत एवं समर्थन देकर अधिक से अधिक मतों से विजय बनायें। इस अवसर पर लोकसभा प्रत्याशी रफीक मण्डेलिया ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वर्तमान समय में पूरे देश व प्रदेश में कांग्रेस की लहर चल रही है। जनता मोदी के झुठे वादों से ऊब गई है। अत: हमें मोदी सरकार के झुठे बहकावे में आने वाले आम मतदाताओं को समझाकर कांग्रेस के पक्ष में मतदान करने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के चहुंमुखी विकास के लिये नये आयाम स्थापित करूंगा। योजना का अपे्रक्षित लोगों को सही लाभ मिले, इसका पूरा ध्यान रखा जायेगा। रतनधरा के लोग शांतिप्रिय है। यहां सद्भाव भावना के साथ हिन्दु मुस्लिम एक साथ रहते आये हैं। जहां मुस्लिम दिवाली पर हिन्दु भाईयों को बधाई दी है। वहीं हिन्दु भाई भी आगे बढक़र ईद पर मुस्लिम भाईयों को ईद मुबारक दी है। अत: हमें साम्प्रदायिक सद्भाव भावना के साथ लोकसभा चुनाव लडऩा है। आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन को जिलाध्यक्ष भंवरलाल पुजारी पंचायत समिति प्रधान गिरधारीलाल बांगड़वा, नगरपालिका के पूर्व अध्यक्ष संतोष बाबू इन्दौरिया, कांग्रेस नेता पुसाराम गोदारा, ब्लॉक अध्यक्ष अरविन्द चाकलान, प्रतिपक्ष नेता राजेन्द्र बबेरवाल, देहात अध्यक्ष एडवोकेट भानीराम मेघवाल, अजय बणसिया, एडवोकेट महावीरसिंह, सुरेन्द्र हुडïï्डा, निरंजन तामडयत, हुकमाराम सहित कई कांग्रेस नेताओं ने कांग्रेस के लोकसभा प्रत्याशी रफीक मण्डेलिया को 36 कोम का नेता बताते हुए लोकसभा चुनाव में अधिक से अधिक मतों से विजय बनाने का आह्वान किया। वहीं आयोजित कार्यकर्ता सम्मेलन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सदस्य रमेशचन्द्र इन्दौरिया का नाम मंच पर आने के लिए मंच संचालन कर रहे रमेश कुमावत ने पांच-छ: दफा पुकारा, लेकिन पीसीसी सदस्य इन्दौरिया पंडाल में सबसे पीछे बैठे रहे, नाम पुकारे जाने के बाद भी मंच पर नहीं जाने से राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना।