राजस्थान राजस्व मण्डल के अध्यक्ष वी.श्रीनिवास ने कहा है कि राज्य में लम्बित राजस्व प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के लिए राजस्व न्यायालयों में पारदर्शिता के साथ बार एण्ड बैंच के बीच समन्वय बैठाने पर विशेष ध्यान दिया जायेगा। वी श्रीनिवास गुरुवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में अधिवक्ताओं की आयोजित बैठक में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि राजस्थान के 400 राजस्व न्यायालयों में 7.74 लाख राजस्व प्रकरण दर्ज है जिनके त्वरित निस्तारण के लिए राजस्व प्रशासन को बेहत्तर प्रशिक्षित कर बार एण्ड बैंच के बीच सुदृढ़ समन्वय स्थापित किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राजस्व प्रशासन के लिए कार्यशालाएं आयोजित कर उनकी कार्यक्षमता में वृद्धि लाई जायेगी तथा कार्यशालाओं में वरिष्ठ अधिवक्ताओं की भागीदारी दर्ज कर उनके अनुभवों का लाभ उठाया जायेगा। अध्यक्ष ने कहा कि राजस्व न्यायालयों में बेहत्तर कार्यप्रणाली के लिए जिला एवं तहसील स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित कर राजस्व प्रशासन को मुस्तैद किया जायेगा तथा राजस्व न्यायालयों का निरंतर निरीक्षण किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राज्य में उपखण्ड न्यायालयों में सप्ताह में तीन दिन उपखण्ड अधिकारी बैठकर लम्बित राजस्व प्रकरणों का निस्तारण करेंगे। उन्होंने वकीलों से कहा कि वे राजस्व न्यायालयों में बयान देने के लिए आने वाले प्रत्येक व्यक्ति का बयान उसी दिन दर्ज करने की कोशिश करें ताकि पीड़ित पक्षकार को अनावश्यक चक्कर न लगाने पड़े। उन्होंने कहा कि राजस्व मण्डल में राजस्व प्रकरणों के निस्तारण में गति लाई गई है एवं जिला एवं तहसील स्तर पर भी राजस्व प्रकरणों में गति लाई जाकर आमजन को राहत प्रदान की जायेगी। बैठक में वरिष्ठ अधिवक्ता बजरंगलाल शर्मा ने राजस्व न्यायालयों के कार्यों में गति लाने के लिए महत्ती सुझाव देते हुए समस्याओं से अवगत कराया। अधिवक्ता आनन्द बालाण ने बताया कि जिले के राजस्व न्यायालयों में धारा-188 के अधिक प्रकरण दर्ज है एवं उपखण्ड न्यायालयों में स्टाफ की कमी को दूर करने की महत्ती आवश्यकता है। इस अवसर पर राजस्व मण्डल के सदस्य चिरंजीलाल दायमा, जिला कलक्टर मुक्तानंद अग्रवाल, अतिरिक्त जिला कलक्टर राकेश कुमार, उपखण्ड अधिकारी श्वेता कोचर, अधिवक्ता हेमसिंह शेखावत, विजय सिंह, राजेन्द्र राजपुरोहित सहित अन्य अधिवक्तागण उपस्थित थे।