राज्य की 8 मुख्य एवं 33 गौण मण्डयों में फल एवं सब्जी का नियमित व्यवसाय शूरू
सीकर, कृषि उपज मण्डी के सचिव देवेन्द्र बारहठ ने बताया कि राज्य की कृषि उपज मण्डी समितियों में कृषक कल्याण फीस के विरोध स्वरूप हड़ताल के आवहन का प्रभाव नहीं है। आज बुधवार को बयाना, जैसलमेर, बालोतरा, जोधपुर(अ) ईटावा, रतनगढ़, खाजूवाला, झुंझुनूं, गुढागौडजी,चिडावा, अजमेर(अ), विजयनगर, देवली, भीलवाडा, शाहपुरा, दूनी, मोहनगढ़, धौरीमन्ना, राववाला, राजलदेसर, बीदासर, सांडवा, स्वरूपगंज, पिण्डवाडा, रेवदर, आबूपर्वत, अनादरा, गुलाबपुरा, जहाजपुर, कोटडी और रूपवास आदि मण्डियों में कृषि जिन्सों का नियमित व्यवसाय हुआ है। हनुमानगढ़ व गंगानगर जिले की अनूपगढ, गजसिंहपुर, घडसाना, जैतसर, केसरीसिंहपुर, पदमपुर, रायसिंहनगर, रावला, रिडमलसर, श्रीकरणपुर, श्रीविजयनगर, भादरा, गोलूवाला, हनुमानगढ़, नोहर, पीलीबंगा, रावतसर, सादुलशहर, संगरिया सूरतगढ़ व कोटा मण्डी में आढतियों के माध्यम से समर्थन मूल्य पर गेंहूँ की खरीद जारी है। राज्य की 8 मुख्य एवं 33 गौण मण्डयों में फल एवं सब्जी का नियमित व्यवसाय हुआ है। राज्य में 604 ग्राम सेवा, क्रय-विक्रय सहकारी समितियों को गौण मण्डी का दर्जा दिया गया है। इनमें से 362 समितियों द्वारा कृषि जिन्सों का व्यवसाय प्रारम्भ कर दिया गया है। राजस्थान राज्य भण्डार व्यवस्था निगम के 93 वेयरहाउसेज को भी गौण मण्डी का दर्जा दिया गया है। इसके अतिरिक्त 157 निजी वैयरहाउसेज को गौण मण्डी का दर्जा दिये जाने के संबंध में आवश्यक शिथिलता देते हुए आदेश जारी कर दिए गए है। इसके अतिरिक्त 1817 अनुज्ञाधारियों के किसानों से उनकी कृषि उपज की सीधी खरीद के अनुज्ञापत्र जारी किए गए है। इन सभी उपायों से किसानों को उनके गांव के समीप ही उनकी कृषि उपजों के विक्रय की सुविधा संभव हो रही है। किसानों के हित में राज्य सरकार द्वारा किये गये इन प्रयासों का किसानों द्वारा लाभ भी उठाया जा रहा है। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा कृषकों के कल्याण के लिए कृषक कल्याण फीस का प्रावधान किया है। इस फीस का भार किसानों एवं व्यापारियों पर नहीं पडेगा। संकलित फीस की राशि से कृषक कल्याण के विभिन्न कार्य यथा समर्थन मूल्य पर खरीद के त्वरित भुगतान के लिए निधि की व्यवस्था, कृषि जिन्सों के बाजार भाव गिरने पर बाजार हस्तक्षेप योजना लागू किये जाने एवं कृषक कल्याण से संबंधित अन्य गतिविधियों के लिए किया जायेगा।