पीएमओ एवं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ वीडी बाजिया ने बताया
झुंझुनूं, पीएमओ एवं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ वीडी बाजिया ने बताया कि झुंझुनूं के वार्ड नं 18 निवासी 29 वर्षिय रूकसार पत्नी न्यूम, राजकीय बीडीके अस्पताल में 13 जनवरी को दिखाने आई। वरिष्ठ महिला चिकित्सक डॉ सुजाता महलावत ने रुकसाना की स्वास्थ्य जांच कर ऐऐनसी वार्ड में भर्ती किया। तत्पश्चात एमसीएच प्रभारी एवं वरिष्ठ प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ पुष्पा रावत, डॉ सुजाता महलावत,डॉ मधु तंवर, डॉ सुमन भालोठिया आदि पार्टोग्राफ से निरंतर मॉनिटरिंग करते रहे। क्योंकि अत्यधिक वजन का बच्चा होने के कारण कभी भी सिजेरियन ऑपरेशन करना पड़ सकता था। चिकित्सकों एवं स्टाफ की टीम ने आंकलन किया कि जब तक सामान्य प्रसव संभव है,तो सामान्य ही करवाया जायेगा। ऐसे केस की सतत माॅनिटाॅरिंग अति आवश्यक है। परंतु टीम वर्क करते हुए चिकित्सकों की टीम एवं नर्सिंग अधिकारी अनिता गोदारा,सुनिता डुडी आदि के द्वारा सकुशल 5 किलो के बच्चे का सामान्य प्रसव करवाया गया। ऑनकाॅल वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जितेंद्र भाम्बू ने बच्चे की स्वास्थ्य जांच की तथा अत्यधिक वजन के कारण बच्चें को नवजात सघन ईकाई में माॅनिटाॅरिंग हेतु भर्ती किया। क्योंकि अत्यधिक वजन वाले बच्चों में शुगर का लेवल अचानक गिर जाता है। परंतु बेबी ऑफ रूकसार का शुगर 92 मिग्रा आया है।तथा बच्चा पूर्णतया स्वस्थ है। बच्चे की पीएमओ डॉ वीडी बाजिया, डॉ जितेंद्र भाम्बू, राजेन्द्र यादव, रूपकला,प्रियंका जाखड़ आदि के द्वारा सतत माॅनिटाॅरिंग की जा रही है। गौरतलब है कि बीडीके अस्पताल झुंझुनूं के लेबर रूम को राष्ट्रीय मानको के स्तर पर भारत सरकार द्वारा नियुक्त बाहृय परिक्षको के द्वारा जांच की गई थी।तथा भारत सरकार ने लेबर रूम को 94% स्कोरिंग के साथ लक्ष्य स्टैण्डर्ड से प्रमाणित किया गया था। वर्ष 2021 में अस्पताल ने जिले में सर्वाधिक प्रसव करवाने पर जिला कलेक्टर द्वारा एमसीएच प्रभारी एवं वरिष्ठ प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ पुष्पा रावत को सम्मानित भी किया गया था। डॉ रावत ने बताया कि अस्पताल में औसतन प्रतिमाह 400 से 500 नार्मेल डिलीवरी तथा प्रतिमाह 60 से 70 सिजेरियन ऑपरेशन से डिलीवरी की सेवाएं उपलब्ध करवायी जाती है। प्रसूति विभाग में प्रसूति रोग विशेषज्ञ एवं महिला चिकित्सकों समेत आठ अनुभवी चिकित्सक कार्यरत हैं। बीडीके अस्पताल में डिलीवरी की संख्या बढ़ने के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा 50 बेड से 100 बेड में विस्तार किया गया था।