द्रुव्यवहार व यौन हिंसा की घटनाओं पर नियंत्रण की दिशा में
चूरू, देश व समाज में अक्सर सामने आती बालक-बालिकाओं से दुव्र्यवहार व यौन हिंसा की घटनाओं पर नियंत्रण की दिशा में बच्चों में जागरुकता पैदा करने के लिए चूरू जिला प्रशासन की ओर से एक खास नवाचार किया जा रहा है। जिले के समस्त विद्यालयों में एक साथ 3 मार्च मंगलवार को ‘गुड टच, बैड टच अवेयरनेस कैंपेन’ का आयोजन किया जाएगा। एक अनुमान के मुताबिक करीब एक लाख बच्चे इन कार्यक्रमों में शामिल होंगे। महिला अधिकारिता विभाग के सहायक निदेशक संजय कुमार ने बताया कि जिले के समस्त राजकीय विद्यालयों में यह कार्यक्रम आयोजित कर बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श के बारे में जानकारी दी जाएगी तथा बताया जाएगा कि सामान्य जनजीवन में उन्हें किस तरह का व्यवहार करने वाले लोगों से सतर्क रहना चाहिए। उन्होंने बताया कि जिला कलक्टर संदेश नायक ने विभिन्न जिला स्तरीय अधिकारियों, ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों, महिला पर्यवेक्षकों को एक-एक विद्यालय में इस दौरान उपस्थित रहने के आदेश दिए हैं। सभी उपखंड अधिकारी, बीडीओ, सीबीईओ, तहसीलदार आदि अधिकारी भी अपने क्षेत्र के किसी न किसी विद्यालय में रहकर बच्चों को जानकारी प्रदान करेंगे। कार्यक्रम के बाद इसकी रिपोर्टिंग निर्धारित प्रपत्र में महिला अधिकारिता विभाग, चूरू को भेजने के निर्देश दिए गए है। उन्होंने बताया कि कार्यक्रम से विभिन्न सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं स्वयंसेवी संगठनों को भी जोड़ा गया है। लायंस क्लब, प्रथम शिक्षा संस्थान, जिला पर्यावरण सुधार समिति चूरू, श्री करणी जागृति सेवा संस्थान, बरड़ादास नवयुवक मंडल, सर्वहितकारिणी कल्याण सेवा संस्थान सहित विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि इन कार्यक्रमों से जुड़कर अपना सहयोग देंगे। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरा लीगल वॉलिंटियर अपने नजदीकी विद्यालय में उपस्थित होकर संबलन प्रदान करेंगे। उन्होंने बताया कि सभी अधिकारियों को इस संबंध में आवश्यक सामग्री उपलब्ध कराई गई है तथा पूरी संवेदनशीलता के साथ बच्चों को अच्छे और बुरे स्पर्श की जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। जिला कलक्टर संदेश नायक ने बताया कि बालक-बालिकाओं से यौन हिंसा एवं दुव्र्यवहार की घटनाएं समाज के लिए एक चुनौती हैं और हम सभी मिलकर ही एक बेहतर व जागरुक समाज की रचना कर सकते हैं। इसी समझ के साथ यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। निस्संदेह इस कार्यक्रमों से बच्चों में जागरुकता आएगी और कहीं न कहीं हम एक बेहतर समाज की संरचना की तरफ आगे बढेंगे।