श्याम बाबा के दस दिवसीय र्वाषिक फाल्गुनी लक्खी मेलें के नोवें दिन रविवार एकादशी को खाटूश्यामजी श्याम प्रभु के दर्शन करने के लिए भारत वर्ष के कोने-कोने से श्याम भक्त उमड रहे है। श्याम भक्तों की प्रभु के प्रति दर्शन की आस्था व भक्ति ने खाटूनगरी को श्याम मय कर दिया। चारों तरफ केवल और केवल बाबा श्याम का नाम व गुणगान दिखाई दे रहा है। आज एकादशी को रविवार होने की वजह से श्याम भक्तों की तादाद एक दम से बढ़ गयी। श्याम बाबा के दर्शनों की कतार में लगे श्याम भक्त प्रभु के जयकारे लगाते हुए बाबा श्याम के दर पर बढ रहे है वहीं सेवा मे खडे स्वयंसेवक व स्काउट्स के नन्हें बच्चे श्याम भक्तों में जयकारों व तालियों से जोश भरते नजर आये। बाबा श्याम के पदयात्रा आने वाले रींगस से खाटूधाम के बीच भण्डारों में जहां अनेक भांति के व्यंजन का आनन्द ले रहे है वहीं सेवा कर रहे स्वयंसेवी संस्थाओं के सेवादार सेवा करने में अपनी और से कोई कसर नहीं छोड रहे है।
– भक्त और भगवान की अटूट आस्था का नाम बना खाटूधाम – बाबा श्याम के लक्खी फाल्गुन मेले में श्याम भक्तों का हुजूम उमड़ रहा है।बाबा श्याम के लाखों दीवानों की मस्ती इस समय खाटूधाम में देखने को मिल रही है। बाबा श्याम के भक्त श्याम बाबा के दर्शन करने के लिए खाटूधाम आ रहे है। इन भक्तों का बाबा से अटूट संबध बन चुका है।दिल्ली,कोलकाता, मुम्बई, पंजाब,हरियाणा, चैन्नई सहित विभिन्न प्रान्तों से श्याम भक्त ना केवल पहली बार खाटू आ रहे है वरन लाखों श्याम भक्त हर साल बाबा के फाल्गुन मेले में आते है यहां तक श्याम भक्त पीढ़ी दर पीढ़ी बाबा श्याम के दीदार को आते है। कोलकाता के एक श्याम भक्त ने बताया कि खाटूधाम में परिवार के जैसा माहौल लगता है और हमारे पूर्वज भी यहां दर्शनार्थ आते रहे है। इसलिए हम में फाल्गुन मेले में आने की परम्परा ही बन गयी है। वही श्याम बाबा के लक्खी मेले में सभी धर्मशालाओं व पांडालों मे बाबा श्याम का अलौकिक दरबार सजाकर भजन संध्याओं का आयोजन किया जायेगा जिसमें अनेक श्याम भजन गायक बाबा श्याम को भजनों से रिझाएंगे। परम्परा के अनुसार सूरजगढ का प्राचीन निशान द्वादशी पर कल सोमवार को चढेगा। वर्ष प्रयन्त शिखरबंद पर चढ़े रहने वाला निशान जत्थे के साथ चढ़ाया जायेगा।