त्रैमासिक आधार पर वितरित होगी प्रोत्साहन राशि
चूरू, कोविड-19 महामारी को देखते हुए गौण मंडी घोषित 592 ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियों के संचालन में लगे कार्मिकों को 10 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। इस निर्णय से विपरीत परिस्थतियों में खरीद से जुड़े कार्य कर रहे सहकारी समितियों के कार्मिकों को संबल मिलेगा। सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किसानों से अपने खेत के नजदीक उपज बेचान की सुविधा देने के लिए नियमों में शिथिलता देकर 592 ग्राम सेवा सहकारी समितियों एवं क्रय विक्रय सहकारी समितियों को निजी गौण मंडी घोषित किया है। उन्होंने बताया कि सहकारिता विभाग के अधिकारी एवं कर्मचारी इस कार्य में लगातार सहयोग कर सहकारी समितियों को सक्रिय कर रहे हैं। प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता नरेश पाल गंगवार ने बताया कि आज तक 390 सहकारी गौण मंडियों द्वारा किसानों को अपने गांव के नजदीक ही उपज बेचान की सुविधा देना प्रारंभ कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि निजी गौण मंडी का कार्य समितियों द्वारा वर्तमान में किये जा रहे कार्यो के अतिरिक्त नवीन कार्य है। अतः मंडी व्यवसाय में वृद्धि एवं कार्मिकों के प्रयासों को प्रोत्साहित करने के लिए समिति को प्राप्त मंडी शुल्क आय (समिति का हिस्सा) 10 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि के रूप में समिति कार्मिकों को मिलेगा। गंगवार ने बताया कि महामारी के दौर में किसानों से सुगम खरीद के लिए उठाए गए। इस ऎतिहासिक कदम का फायदा सहकारी समितियों को मिल रहा है। कई ऎसी समितियां है जिन्होंने निजी गौण मंडी के रूप में 2-2 करोड़ रूपये से अधिक का व्यवसाय कर लिया है। कार्मिकों को प्रोत्साहन राशि का वितरण त्रैमासिक किया जाएगा। विभाग इस बात का भी आकलन कर रहा है कि अच्छा कार्य करने वाली सहकारी समितियों को विभाग की अन्य योजनाओं से प्राथमिकता के आधार पर जोड़ा जाएगा।