डॉ.योगेश यादव ने कोरोना संक्रमित मरीजों के उपचार में जुटे चिकित्सा स्टाफ के लिए
श्रीमाधोपुर,[महेन्द्र खडोलिया ] मूंडरू कोरोना संक्रमण से चिकित्साकर्मियों को बचाए रखना एक बड़ी चुनौती है। इस चुनौती का सामना करने के लिए जयपुर का जेके लोन अस्पताल रॉल मॉडल बनकर समाने आया है। जहां एक ओर कोरोना संक्रमण के दौरान इलाज में जुटे चिकित्सा कर्मी पीपीई किट की कमी से जूझ रहे हैं, वहीं पीपीई किट बहुत अधिक महंगी मिल रही है । ऐसे में जयपुर के जेके लोन अस्पताल ने खुद आवश्यकता को देखते हुए पीपीई किट तैयार की है। कोरोना के खतरे के बीच जेके लोन अस्पताल में चिकित्साकर्मी बच्चों का इलाज कर रहे हैं । जहां इमरजेंसी सेवा में चिकित्साकर्मियों के लिए पीपीई किट की आवश्यकता होती है । लेकिन जरूरत के मुकाबले सप्लाई नहीं होने के चलते जेके लोन अस्पताल के डॉ योगेश यादव ने जेकेलोन अस्पताल अधीक्षक सीनियर प्रोफेसर डॉ अशोक गुप्ता के निर्देशन में उत्कृष्ट क्वालिटी की पीपीई किट तैयार की है। जेके लोन अस्पताल में तैयार पीपीई किट की लागत भी बाजार में मिलने वाली किट के मुकाबले एक तिहाई है। डॉ. योगेश यादव ने किट को पहनकर भी प्रदर्शन किया। उन्होंने किट की विशेषताएं बताते हुए कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय मापदंडों के अनुरूप बनाई गई है। डॉक्टर यादव ने बताया की वायरस, बेक्टेरिया से बचाव के लिए डबल लेयर पीपीई किट का निर्माण किया गया है जो नॉन टॉक्सिक मेटेरियल से बना हुआ है। यह रक्त और सभी अन्य बोडी फ्लुईड, वायरस, बायोलॉजिकल हैजार्डीयस मैटेरियल्स से अपारगम्य हैं तथा बाजार में मिलने वाले कीट से तीन गुना सस्ता है एवं इसे पहनने और उतारने में सुविधाजनक होने के साथ-साथ लंबे समय तक कार्य करने के लिए आरामदायक भी है। पीपीई किट को लेकर अस्पताल अधीक्षक डॉ अशोक गुप्ता ने बताया की कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है । ऐसे में वर्तमान में चिकित्साकर्मी मेनपावर के रूप में काम कर रहे है ,तो उसको ध्यान में रखते हुए अस्पताल में आने वाले बच्चे के इलाज के दौरान चिकित्साकर्मियों में संक्रमण फैलने का डर रहता है। ऐसे में अस्पताल ने किट की डिजायन तैयार की जो अंतरराष्ट्रीय क्वालिटी से कम नहीं है।