सुन्दरपुरा गांव में नवाचार करने वाले किसान पर
पलसाना, [राकेश कुमावत ] क्षेत्र के सुन्दरपुरा गांव में मौसम ने किसानो के सपनों को कांच के टुकड़ो की तरह बिखेर दिया। एक किसान की पिछले डेढ़ साल की मेहनत चार दिनों की सर्दी ने बर्बाद कर दी। किसान राजकुमार गुर्जर ने बताया कि वह क्षेत्र में लगातार गिरते जलस्तर को लेकर चिंतित था उसने खेती में नवाचार अपनाने की सोची राजकुमार ने 8 बीघा खेत में बेर( थाई एपल ) व नींबू के पौधे लगाए। साथ ही ड्रिप सिस्टम भी लगा लिया ताकि कम पानी में इन पौधों में सिंचाई की जा सके। राजकुमार को इसके लिए उद्यान विभाग की ओर से सब्सिडी भी मिली थी। राजकुमार इसलिए डेढ़ साल से इन पौधों की देखभाल कर रहा था। पहली बार में ही अच्छे उत्पादन की उम्मीद थी बेर के एक एक पौधों पर करीब तीस से पचास किलोग्राम तक बेर तैयार होने की उम्मीद थी। पौधों पर अच्छे उत्पादन को देखकर राजकुमार काफी खुश था लेकिन पिछले दिनों लगातार चार दिन तक तापमान माइनस में रहने और फसलों पर बर्फ जमने के दौरान बेर व नींबू के पौधे बुरी तरह से झुलस गए। साथ ही पौधों पर लगे फल भी नष्ट हो गए किसान राजकुमार ने बताया कि बेर का उत्पादन पहली बार में ही करीब 5 लाख का होने की उम्मीद थी। साथ ही नींबू के फूल आने ही वाले थे लेकिन सर्दी और पाले के कारण फसल पूरी तरह नष्ट हो गई। जिससे अब नींबू का उत्पादन भी काफी प्रभावित होगा। सर्दी के इस सितम ने किसान राजकुमार के सपनो के साथ आर्थिक रूप से उसकी कमर भी तोड़ दी है।