सूबेदार मेजर आजाद सिंह सिर पर फुटबॉल रखकर 21 किलोमीटर की दूरी तय करके पहुंचे शहीद स्मारक पर
झुंझुनू, शहीदों की चिताओं पर लगेंगे हर बरस मेले देश पर मरने वालों का यही आखिरी निशा होगा ऐसा ही नजारा आज झुंझुनू शहर में स्थित शहीद स्मारक पर देखा गया अवसर था कारगिल विजय दिवस का ।जी हां आज ही के दिन 26 जुलाई 1999 को भारतीय सेना ने 2 महीनों तक चले विषम परिस्थितियों में इस युद्ध में पाकिस्तानी सेना के दांत खट्टे कर दिए थे । शायद ही विश्व की ऐसी सेना होगी कि प्रतिकूल स्थिति में उसने ऐसा शौर्य और पराक्रम दिखाया हो । बात शौर्य और पराक्रम की हो और झुंझुनू जिले की बात नहीं आए तो बात कुछ अधूरी ही रह जाती है । आजादी के बाद से झुंझुनू जिले ने 466 शहीद देश के लिए न्यौछावर किए हैं वही 19 शहीद कारगिल युद्ध के दौरान झुंझुनू जिले से शहीद हुए थे । आज झुंझुनू स्थित शहीद स्मारक पर 21वां कारगिल विजय दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें प्रशासनिक अधिकारियों, पूर्व सैनिकों, एनसीसी कैडेट्स सहित झुंझुनू के गणमान्य जन ने शिरकत की। इस अवसर पर जिला कलेक्टर यूडी खान ने कहा की झुंझुनू की धरती पूरे देश में सैनिकों के मामले में विशेष स्थान रखती है यहां की धरती ने हमेशा ही शूर वीरों को जन्म दिया है। भारत का ऐसा कोई युद्ध नहीं होगा जिसमें यहां के नौजवानों ने अपना पराक्रम नहीं दिखाया हो । वही इस अवसर पर जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद्र शर्मा ने अपने ओजस्वी संबोधन में कहां कि आज ही के दिन टाइगर हिल पर हमारे देश के सैनिकों ने दुश्मन को धूल चटा कर विजय पताका फहराई थी। झुंझुनू और शेखावाटी क्षेत्र ने देश के लिए हमेशा ही शूर वीरों को पैदा किया है। क्षेत्र के लोगों के दिल में देश के लिए मर मिटने का जज्बा है । इससे पहले विधिवत तरीके से जिला कलेक्टर उमरदीन खान, जिला पुलिस अधीक्षक जगदीश चंद्र शर्मा, जिला सैनिक कल्याण अधिकारी परवेज हुसैन सहित पूर्व सेना के अधिकारी गणों ने शहीद स्मारक पर पुष्प चक्र अर्पित किए। 21वें कारगिल विजय दिवस के अवसर पर सूबेदार मेजर आजाद सिंह ने 21 किलोमीटर की दूरी तय करके सर पर फुटबॉल रखकर शहीद स्मारक पहुंचे जहां पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया । वही कर्नल मालीराम जोकि कारगिल युद्ध के चश्मदीद थे उन्होंने उस समय सेना के दिखाए गए पराक्रम के बारे में लोगों को अवगत करवाया । इस कार्यक्रम के बाद शहीद स्मारक पार्क में पौधा रोपण एवं पक्षियों के लिए परिंडे भी लगाए गए।