इस्लामपुर कस्बे में गंदे पानी की निकासी के मुख्य नाले का मामला
नाले को ढकने के लिए डाले गए सैंटरिंग का माल खोलने के दूसरे दिन ही ढहा
इस्लामपुर (जे पी गर्वा), झुंझुनू जिले के इस्लामपुर कस्बे में कल शनिवार को हुई मानसून की पहली बारिश में ही हाल ही में 5 लाख की राशि खर्च करके मरम्मत किए गए नाले की पोल खुल गई । नाले की मरम्मत में काम में ली गई सामग्री इतनी घटिया गुणवत्ता की थी कि पहली बारिश में ही रेत के घरौंदे की तरह बह गई सीमेंट कंक्रीट से बनी हुई दीवारें । जिसके कारण से नाले के अंदर से पानी बाहर सड़कों पर फैल गया ।और कस्बे में स्थित 33 केवी के विद्युत सब स्टेशन केंद्र में बरसात का पानी भर गया और पास ही स्थित पावर धाम बालाजी मंदिर परिसर में भी पानी चला गया । जिसके चलते कस्बे में 4 घंटे विद्युत आपूर्ति भी बंद रही । पावर धाम मंदिर के पुजारी सुरेश चंद्र माखरिया ने बताया कि 5 लाख की लागत से मरम्मत हुए इस नाले में सिर्फ बजरी कंक्रीट ही दिखाई दे रही है सीमेंट तो सिर्फ नाममात्र की डाली गई है । जिसके चलते ही जगह-जगह से पहली बारिश में ही यह नाला बह गया और सड़कों पर एवं विद्युत सबस्टेशन में दो-दो फुट तक पानी भर गया। वही सेवानिवृत्त शिक्षक शिशुपाल सैनी ने बताया कि तत्कालीन सांसद के कोटे से 5 लाख रु नाले की मरम्मत के पास हुए थे। इस कार्य में बहुत ही घटिया निर्माण सामग्री का इस्तेमाल किया गया है जिसके चलते जगह-जगह से नाला पहली बारिश में टूट गया । इसके अलावा नाले के ऊपर रास्ते में सेंटरिंग डालकर बंद किया गया था वह भी रास्ता खोलने के दूसरे दिन ही टूट गया । वही कस्बे के ग्रामीणों ने कल बारिश होने के बाद 33 केवी विद्युत सब स्टेशन के बाहर एकत्रित होकर नाले के मरम्मत में हुई घोर अनियमितता को लेकर नाराजगी जताते हुए विरोध प्रदर्शन किया तथा प्रशासन से इसकी जांच करवाने की मांग की । वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान समय में ग्राम पंचायत में सरपंच के चुनाव नहीं होने के कारण ग्राम पंचायत प्रशासक ही कार्यभार संभाले हुए हैं उन्हीं की देखरेख में इस नाले की मरम्मत का सारा कार्य किया गया है । जिसको लेकर नाले के मरम्मत के दौरान से लेकर अब तक लगातार ग्रामीणों द्वारा इसकी मरम्मत में काम में ली गई सामग्री की गुणवत्ता को लेकर लगातार सवाल खड़े किए जाते रहे हैं । लेकिन इसके बावजूद भी जिला प्रशासन कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है जिसके चलते भ्रष्टाचार का यह खेल लगातार फल-फूल रहा है ।