
कोलकाता में

रतनगढ़(सुभाष प्रजापत) निवासी कोलकाता प्रवासी कर्मठशील, उदार मना, चिंतनशील वर्तमान में रतनगढ़ जैन परिषद के अध्यक्ष श्रावक पदम चंद दूगड़ का कोलकाता में अचानक असामयिक निधन हो गया। जिससे परिषद को अच्छे विचार शील श्रावक की क्षति हुई है उक्त विचार रविवार को स्थानीय गोलछा ज्ञान मंदिर में आयोजित स्मृति सभा में अपना उद्बोधन देते हुए शासन साध्वी श्री धनश्री ने व्यक्त किए। साध्वी श्री धनश्री के सानिध्य में आयोजित स्मृति सभा में साध्वी श्री ने अपने उद्बोधन में अनेकों उदाहरणों के माध्यम से दूगड़ की विशेषताओं को उजागर करते हुए बताया कि वह किसी की आलोचना नहीं करते थे तथा वे बेजोड़ सहनशीलता के धनी थे, मिलन सारिता व सरलता एवं समाज के भाइयों के सहयोगी रहे। साध्वी श्री ने बताया कि संयुक्त परिवार के साथ कैसे रहे यह अद्भुत कला उनमें विद्यमान थी। स्मृति सभा में साध्वी श्री के साथ उपस्थित सभी श्रावको ने 2 मिनट का मौन रखकर स्वर्गीय दुगड़ को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर पर स्थानीय सभा के मंत्री कमल सिंह बेद, राजकुमार बेद, सुभाष बेद, सुरेंद्र श्यामसुखा, विनीत, प्रतापमल बोथरा, बजरंग दूगड़, हातिमल बेद, सुरेंद्र बुचा, विमला देवी बोथरा, बहन पिंकी बुचा सहित अनेकों श्रावक गण उपस्थित थे।