जिले में शिक्षा का नाम स्वर्ण अक्षरों में दर्ज है, यहां की शिक्षण संस्थायें चाहे वो कोचिंग से संबंधित हो या स्कूली शिक्षा से सम्बन्धित हो, जिले को इस क्षेत्र में नई ऊँचाईयां जरूर प्रदान की है। जिले की कुछ शिक्षण संस्थायें इस क्षेत्र में तो अग्रणी है, पर वो सरकार को चूना लगाने में कर चोरी करने के मामले में स्टाफ को वेतन कम देकर उनसे अधिक वेतन पर साईन करवाकर बच्चों को कम फीस की रसीद देकर उनसे ज्यादा पैसे वसूली के तथा कई ऐसे मामले भी सामने आते रहे है, वो सरकार की हर तरफ से नुकसान पहुंचाने का कार्य करती हो और ऐसे ही मामले कई बार उजागर भी हो चुके है अभी पिछले महीने ही कुछ शिक्षण संस्थानों पर आयकर विभाग ने बड़ी कार्यवाही की थी और वो बड़े पैमाने पर कर चोरी का मामला पकड़ा था। इस कर चोरी में ऐसे-ऐसे कारनामे देखने को मिले इन कुछ शिक्षण संस्थाओं के जिनकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता ये पूरी तरह सरकार को धोखा देने के साथ अपना उल्लू सीधा करने के लिए किसी के भी साथ वो कार्य करने से नहीं चुकते। ऐसा ही मामला कर चोरी का पता चला है भढ़ाढर स्थित स्वामी केशवानन्द शिक्षण संस्थान में यहां पर बुधवार से ही आयकर विभाग की टीम ने छापे मार कर कार्रवाई शुरू की। इस कार्रवाई में सूत्रों की माने तो तीन दर्जन से अधिक अधिकारी इस कार्य में जुटे हुए थे और लगता है जिस प्रकार यहां कई कर चोरी के मामले सामने आ रहे थे, उस वजह से कार्रवाई लम्बी चल सकती है। इस संस्था के जितने भी ठिकाने है, उन सब पर सुबह जो कार्रवाई चली, उसके बाद जिले की करीब-करीब शिक्षण संस्थाओं में बड़ी हलचल देखने को मिली। सभी अपने-अपने स्तर पर बचाव कार्य में जुट गये। लगातार देखते आ रहे हैं पिछले काफी महीनों से सबसे ज्यादा कर चोरी के मामले निजी शिक्षण संस्थाओं के देखने को मिल रहे हैं।
अथाह सम्पत्ति करोड़ो-अरबों रूपयों का कारोबार फिर भी टैक्स चोरी के साथ अन्य कई तरह की हेरा-फेरी देखने को मिलती है। यहां जो स्वामी केशवानन्द शिक्षण संस्थान में जो आयकर विभाग की कार्रवाई चल रही है, उसमें सारी कार्रवाई पूरी होने के पश्चात ही मालूम चल सकेगा कि कितनी अघोषित सम्पतित का ब्योरा मिला है, कितनी टैक्स चोरी हुई है। पर वर्षों से ऐसी कुछ शिक्षण संस्थायें जो टैक्स चोरी के साथ अन्य ऐसी कई चूना लगाने की प्रवृत्ति का कार्य कर रही है, उनके साथ समय-समय पर ऐसी कार्रवाई होना लाजमी है।
वेतन कम दिखावा अधिक जिले की कुछ शिक्षण संस्थायें ऐसी है जो टैक्स चोरी करने में काफी माहिर है ये बच्चों से ज्यादा फीस वसूल कर कम की रसीद देना, टीचरों व कर्मचारियों को जो वेतन देते है, उनका डबल से तिगुना दिखाना उनके खाते में ये बैंक में सीधे ज्यादा रकम डाल देते है, फिर उनसे निकवाकर वापस ले लेते हैं। अन्य कर्मचारियों के साथ भी ऐसा ही करते है, साईन ज्यादा पर करवाकर कम वेतन देते है, इस तरह के अन्य छात्रों से यह रकम को सफेद करने की कोशिश करते हैं।