सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंंक लिमिटेड की रींगस शाखा में सामने आये साढ़े आठ करोड़ रूपये के घोटाले को लेकर पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस जांच में घोटाले की राशि बढऩे का भी अनुमान लगाया जा रहा है। गौरतलब है कि सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक की रींगस शाखा में दो शाखा प्रबंधको व अन्य कर्मचारियों ने मिलकर के उपभोक्ताओं व ग्राम सेवा सहकारी समितियों की एफडी पर फर्जी तरीके से लोन उठाकर करोड़ों रूपये के गबन का मामला सामने आया था। मामले को लेकर बैंक प्रबंंधन सीकर के सीनियर ब्रांच मैनेजर मनोज कुमार बागडवा ने रींगस थाने में मामला दर्ज करवाया कि रींगस शाखा में पूर्व में कार्यरत बैंक मैनेजर प्रकाश चंद जैन व यशवंत पारीक ने बैंक कर्र्मचारियों के साथ मिलकर आठ करोड़ 53 लाख रूपये का घोटाला किया है। पुलिस ने मामला दर्ज करके इस पूरे मामले की जांच शुरू कर दी है।
प्रोपट्री की हो रही है जांच बैंक में गबन का मामला सामने आने के बाद जिला कलेक्टर ने भी आरोपियों की सम्पति की जांच करवाने के निर्देश दिए है। पालिका प्रशासन की ओर से आरोपियों से जुड़ी सम्पति को खंगाला जा रहा है। जिसकी रिर्पोट जल्द ही जिला कलक्टर को प्रस्तुत की जाएगी।
इस तरह किया घोटाला:-बैंक के इस पूरे घोटाले को लेकर बैंक के एमडी मनोहर लाल शर्मा ने बताया कि इसके पीछे मास्टर माइंड यशवंत पारीक का हाथ है। बैंक में सबसे पहले एक फर्जी अकाउंट खोला गया। इस खाते से लोन उठाने के लिए उपभोक्ताओंं व ग्राम सेवा सहकारी समिति की ओर से करवाई गई एफडी को गारंटी के रूप में लगाया गया तथा एफडी की रकम के आधार पर लोन उठाकर गबन कर लिया। उपभोक्ता की एफडी मेच्यौर होने पर उसे तो उपभोक्ता को लौटा दिया गया लेकिन बैंक के फर्जी अकाउंट से उठाया गया लोन जमा नहीं हुआ।
57 खातों से उठाया पैसा:-इस पूरे घोटाले के पीछे जांच में अभी तक कुल 57 खाते सामने आये है जिन से फर्जी तरीके से 8.53 करोड़ का लोन उठाया गया है। मार्च 2014 से जून 2017 के बीच सबसे अधिक घोटाला सरगोठ, बावड़ी, धीरजपुरा व अरनियां ग्राम सेवा सहकारी समिति के खातों से किया गया है जिनमें धीरजपुरा ग्राम सेवा सहकारी समिति की एफडी से सर्वाधिक लोन उठाया गया है।
इनका कहना है:- बैंक में किए गए घोटाले की जांच की जा रही है। ग्राहकों का पैसा पूरी तरह सुरक्षित है। जांच में घोटाले की राशि में बढोतरी भी हो सकती है। मनोहर लाल शर्मा, एमडी सीकर केन्द्रीय सहकारी बैंक।