13 करोड़ से अधिक की सड़के बह गई
जिले में 16 घंटों की लगातार बारिश से हालात बिगड़ गए। हालात यह थे कि 16 घंटों की बारिश से नदी-नाले उफान पर आ गए। बरसाती नालों का पानी लोगों के घरों तक पहुंचने लगा। रेलवे अंडरपास में 5 से 8 फीट तक पानी भर जाने से कई गांवों का संपर्क टूट गया। बांधों में क्षमता से अधिक पानी भरने लगा। सीकर के नानी बांध में पानी आ जाने से टूट गया। जिसकी सूचना पर नगरपरिष्द ने उसे ठीक करवाने के लिए जेसीबी भेजी। चालक मिट्टी लगा ही रहा था कि अचानक पानी का बहाव ओर तेज हो गया। जेसीबी के चालक सीट तक पानी भर आया। चालक पानी में फंस गया। हालांकि वह जेसीबी के ऊपर चढ़ गया जिससे वह सुरक्षित रहा। सूचना पर दूसरी जेसीबी को बुलाया गया। इस दौरान लोगों की दो घंटे तक सांसें अटकी रही। जरा सी लापरवाही उसकी मौत का कारण बन सकती थी। शहर के प्रमुख मार्गो के साथ गली-मोहल्लों की सडक़े छलनी हो गई। नगर परिषद के जिम्मेदारों की इस लापरवाही का खामियाजा जनता को कई महीनों तक भुगतना होगा। बारिश के साथ लापरवाही व घटिया निर्माण की 140 से अधिक स्थानों पर सडक़ें भी बह गई। सीकर शहर में 13 करोड़ से अधिक की सडक़ बह गई। वहीं शहर की नवलगढ़ रोड पर अभी भी पानी भरा हुआ है।