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सीकर में प्रमुख शासन सचिव ने विडियो कॉन्फ्रेंस से बाल विवाह की रोकथाम के लिए दिये निर्देश

महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव रोली सिंह, अतिरिक्त निदेशक निशा मीणा, राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण  सचिव द्वारा प्रदेश में बाल विवाह रोकथाम के लिए बुधवार को वीडियों कॉन्फ्रेंस से प्रदेश के समस्त जिला कलेक्टर्स, पुलिस अधीक्षक, उपनिदेशक एवं कार्यक्रम अधिकारी से वार्ता की गई जिसमें विनित कुमार जिला पुलिस अधीक्षक, सीकर व धोद उपखंड  अधिकारी, उपनिदेशक राकेश लाटा, सहायक निदेशक राजेन्द्र चौधरी, बाल विकास परियोजना अधिकारी उपस्थित रहे। वीडियों कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने जिले में बाल विवाह रोकथाम अधिनियम 2006 को सख्ती से लागू करने के लिए निर्देशित किया तथा स्पष्ट निर्देश दिये कि जिले में एक भी बाल विवाह ना हो इस बात की पूर्व तैयारी कर ली जावें। रोली सिंह प्रमुख शासन सचिव ने बताया कि बाल विवाह रोकथाम के लिए जिला स्तर पर एवं ब्लॉक स्तर पर विवाह स्थल मालिकाें, हलवाई, टेंट हाउस वालाें, पंडित, बाजा वालाें एवं विवाह के कार्ड छापने वाले प्रिंटिंग प्रेस वालों की बैठक आयोजित कर होने वाले बाल विवाह में भाग नहीं लेने के लिए पाबंद करें  तथा वे इस संबंध में जिला प्रशासन को जानकारी दें   जिला कलेक्टर नरेश कुमार ठकराल ने उपनिदेशक महिला एवं बाल विकास विभाग से कहा कि जिले में पूरी सावधानी एवं सर्तक रह कर बाल विवाह रोकने के लिए दिये गये दिशा निर्देशों के अनुसार कठोर कार्यवाही प्रभावी तरीके से करें। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों के माध्यम से बाल विवाह रोकने के लिए जनजागरूकता पैदा करें। ग्रामीण क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करें ताकि जिले में कोई बाल विवाह नहीं हो। जिला स्तर एवं ब्लॉक स्तर पर बाल विवाह रोकथाम के लिए रैली, गोष्ठी का आयोजन किये जाने के लिए निर्देशित किया गया। जिला स्तर एवं ब्लॉक स्तर पर पुलिस एवं प्रशासन द्वारा 24 घंटे कण्ट्रोल नियंत्रण कक्ष की स्थापना किये जाने के निर्देश दिये गये। सभी विद्यालयों में बाल विवाह रोकथाम के लिए संकल्प पत्र भरवाया जायें तथा जिला स्तर ब्लॉक स्तर एवं ग्राम स्तर पर संचालित विद्यालयों में बाल विवाह रोकथाम के लिए रैलियां, विद्यालयों में प्रार्थना  सभा में बच्चों को जानकारी देने, गोष्ठी, शपथ पत्र, संकल्प पत्र भरवाने के निर्देश दिये गये। उन्हाेंने ये भी निर्देश दिया है कि बाल विवाह की रोकथाम प्रयासों के बावजूद भी यदि बाल विवाह सम्पन्न होता है तो नियमानुसार कार्यवाही करें तथा पुलिस में एफआईआर भी दर्ज करावें तथा अधिनियम के प्रावधानों के अनुरूप सम्बधित को दण्डित करावें।

उन्होंने बताया कि आमजन में बाल विवाहों की रोकथाम के लिए जनजाग्रति उत्पन्न करने के लिए एक अप्रेल को मैराथन दौड़ का आयोजन किया  गया एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्धारा विभिन्न गतिविधियों का संचालन करने के साथ ही आई.ई.सी. के माध्यम से प्रचार-प्रसार किया गया है। सभी उपखण्ड अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि ग्राम स्तर पर ग्रामसभाओं की बैठक आयोजित कर समस्त ग्राम सेवक, पटवारी, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, अध्यापकों को बाल विवाहों के सम्बन्ध में कहीं से भी कोई सूचना मिलने पर पुलिस थानाधिकारी, बालविकास परियोजना अधिकारी को सूचित कर त्वरित कार्यवाही करना सुनिश्चत करें। उन्होंने समस्त स्टेट होल्डर की बैठक  लेकर उन्हे बाल विवाह की रोकथाम के सम्बन्ध में जानकारी दिए जाने की हिदायत दी। उन्होंने बताया कि जिले में कहीं से भी कोई बाल विवाह की सूचना प्राप्त हो तो जिला स्तर पर स्थापित नियंत्रण कक्ष 01572-251008,250015,250016 तथा चाईल्ड हैल्पलाईन नम्बर टोल फ्री 1098 पर सूचित किया जा सकता हैं।

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