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सिंघाना की बेटी सरपंच कल्पना नायक ने ‘कल्पना’ से परे पेश की मिशाल

सरंपच कल्पना नायक खाली समय में सरकारी स्कूल में बच्चों को पढ़ाते हुए

सिंघाना [कृष्ण कुमार गाँधी ]  कस्बे की सरपंच बेटी कल्पना नायक ने पंचायत के साथ-साथ बच्चों की क्लास को संभालकर एक मिशाल पेश की है जिसकी सभी लोग सराहना कर रहे है। 2 जुलाई को अन्नपूर्णा दुग्ध योजना का शुभारंभ करने के लिए सरपंच कल्पना नायक को राउमा स्कूल में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था समारोह के दौरान प्रिंसीपल संतोष मुंड ने सरपंच को स्कूल में गणित की पोस्ट खाली होने से बच्चों की पढ़ाई बाधित होने की बात कही। वहा से जाने के बाद सरपंच कल्पना ने सोचा की क्यों न मै ही स्कूल में बच्चों को पढ़ाउं उसके बाद कल्पना दुसरे दिन स्कूल पहुंची और दसवीं के बच्चों का गणित का कालांश लेना शुरू कर दिया कालांश के बाद जब प्रिंसीपल ने बच्चों से पुछा समझ में आ रहा है क्या तो बच्चों ने कहा कि सरपंच दीदी बहुत अच्छा पढ़ाती है। कल्पना ने प्रिंसीपल से कहा कि जब तक स्कूल में गणित का अध्यापक नही आता मैं बच्चों को पढ़ाउगीं। सरपंच एक घंटे स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के बाद पंचायत में पहुंचकर काम करती है। सरपंच की इस सराहनीय पहल को देखते हुए कस्बे में चारों तरफ उनके काम के चर्चे हो रहे है।
-ग्रामीणों ने बनाया था बेटी को सरपंच
सरपंच कल्पना नायक बीएससी तक पढ़ी हुई है पंचायत चुनावों में जब सिंघाना की एससी की महिला सीट आई तो ग्रामीणों ने किसी पढ़ी लिखी महिला को सरपंच बनाने का निर्णय लिया। जब कल्पना चुनाव लडऩे को लेकर चर्चा हुई तो उसने कहा कि अगर वो सरपंच बनेगी तो कस्बे के विकास के लिए हमेशा तत्पर रहेगी। चुनाव हुआ वोट पड़े और कल्पना सभी प्रतिद्वंदियों को पछाड़ते हुए चुनाव जीत गई। सरपंच कल्पना नायक आज कस्बे के विकास के लिए हमेशा तैयार रहती है।

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