राज्य आयोग ने दिए जिला आबकारी अधिकारी को सूचना देने के आदेश
प्रथम अपील को किया था आबकारी आयुक्त ने निरस्त
हनुमानगढ़, आबकारी विभाग द्वारा सूचना ना देकर गुमराह और भ्रमित करने के मामले को गंभीर मानते हुए राजस्थान राज्य सूचना आयोग ने सख्ती का रुख अपनाते हुए 21 दिनों में सूचना उपलब्ध करवाने के जरिए नोटिस आदेश पारित किए है। प्राप्त जानकारी अनुसार पत्रकार कॉलोनी निवासी अनिल जान्दू ने शराब दुकानों, लाइसेंस आवंटन रिन्यू, रेवेन्यू टारगेट और वैध-अवैध दुकानों से संबंधित दो आवेदन 31अगस्त 2023 को जिला आबकारी अधिकारी कार्यालय में प्रस्तुत किए लेकिन विभाग के तत्कालीन लोक सूचना अधिकारी ने आवेदक अनिल जान्दू को चाही गई जानकारी 30 दिन की नियत समय-सीमा में नहीं दी गई। जिस पर अनिल जान्दू द्वारा 23 नवंबर 2023 को प्रथम अपीलीय अधिकारी आबकारी आयुक्त उदयपुर को प्रथम अपील प्रेषित की गई। जिस पर अतिरिक्त आबकारी आयुक्त (प्रशासन) ओ.पी. बुनकर ने 8 नवंबर 2023 को जयपुर स्थित कैंप कार्यालय में सुनवाई रखी। प्रथम अपील सुनवाई के दौरान आबकारी विभाग कार्यालय हनुमानगढ़ के लोक सूचना अधिकारी ने सूचना से संबंधित जानकारी कार्यालय पत्रांक 1382 दिनांक 27 सितंबर 2023 को भेजना बताया गया जो अपीलार्थी अनिल जान्दू को प्राप्त नहीं हुई। प्रथम अपीलीय अधिकारी एवं आबकारी आयुक्त ओम कसेरा के समक्ष अपीलार्थी की केवल मात्र सुनवाई उपस्थिति पत्र प्राप्ति से संबंधित पावती पेश कर प्रथम अपील गलत आधार पर निरस्त करा दी गई। सुनवाई में प्रथम अपील अधिकारी के समक्ष ऐसी जानकारी प्रस्तुत की गई, जो प्रकरण से संबंधित नहीं है। जिस पर अपीलार्थी अनिल जान्दू ने समस्त दस्तावेजों सहित द्वितीय अपील राजस्थान राज्य सूचना आयोग के रजिस्ट्रार के समक्ष 18 जनवरी 2024 को प्रेषित की। इस पर राज्य सूचना आयोग ने संज्ञान लेते हुए उल्लेखित किया है की उक्त प्रकरण में राज्य लोक सूचना एवं जिला आबकारी अधिकारी द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया है। आयोग द्वारा प्रथम अपीलीय अधिकारी का आदेश खारिज किए जाने के बाद राज्य लोक सूचना एवं जिला आबकारी अधिकारी को लिखा है कि समस्त अभिलेखों के अवलोकन से स्पष्ट प्रतीत होता है की अपीलार्थी को वांछित जानकारी प्राप्त नहीं या फिर प्रदत सूचना से अपीलार्थी संतुष्ट नहीं है। ऐसे में आयोग के आदेश के पालना में आपको निर्देशित किया जाता है कि अपीलार्थी को चाही गई जानकारी नोटिस प्राप्ति के 21 दिनों से पूर्व अनिवार्यतः उपलब्ध कराएं। इसके बाद भी अपीलार्थी को जानकारी प्रदाय नहीं की जाती है तो सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा 20 में दंडित किए जाने का प्रावधान है।