सीएमएचओ डाॅ निर्मल सिंह ने वीडियो काॅन्फ्रेस में की चिकित्सा विभाग की योजनाओं, कार्यक्रमों व गतिविधियों की समीक्षा, अधिकारियों को दिए सख्त निर्देश
सीकर, जिले में मैन पाॅवर की कोई कमी नहीं है, फिर भी योजनाओं, कार्यक्रमों व गतिविधियों के आंकडे कुछ ओर ही बयां करते हैं। जिन जिलों में मैन पाॅवर कम है उनका भी काम सीकर से बेहतर है, तो हम कर क्या रहे हैं। सुधार नहीं कर सकते तो चार्जशीट के लिए तैयार रहो। किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। इसी ही तल्ख अदांज में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ निर्मल सिंह ने बुधवार को वीडियो कान्फ्रेस के जरिये विभागीय योजनाओं, कार्यक्रमों व गतिविधियों की समीक्षा। उन्होंने कहा कि सीएचसी, पीएचसी और सब सेंटर स्तर से रिपार्टिंग भी सही तरीके से नहीं जा रही है और जो की जा रही है उसको भी प्रभारी अधिकारी माॅनिटरिंग नहीं कर रहे हैं।
बैठक में अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ हर्षल चैधरी ने अनीमिया मुक्त राजस्थान अभियान की उपलब्धि की जानकारी देते हुए बताया कि जिले में स्कूल और चिकित्सा संस्थानों पर एचबी की जांच बहुत कम की जा रही हैं, जबकि सभी जगहों पर इसके लिए उपकरण भिजवाए जा चुके हैं। इस पर सीएमएचओ डाॅ निर्मल सिंह ने सभी अधिकारियों को संस्थान में आने वाले बच्चों, गर्भवती महिलाओं और किशोर किशोरियों की जांच करना सुनिश्चित करने के निर्देश देते हुए कहा कि मुख्य सचिव द्वारा भी इसकी समीक्षा की जानी है। प्रत्येक मंगलवार को मनाए जाने वाले शक्ति दिवस के तहत स्कूलों में आयरन की गोलियां उपलब्ध करवाई जाएं और संस्थानों पर आने वालों के एचबी जांच कर उसकी रिपोर्टिंग करवाई जाए। इसमें किसी स्तर पर लापरवाही होने पर संबंधित खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
सात दिन में सुधार कर अवगत करवाएं
डिप्टी सीएमएचओ डाॅ अशोक महरिया ने मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए चिकित्सा संस्थानों पर पर्याप्त मात्रा में एमएलओ रखने, एंटीलार्वाल गतिविधियों की फार्मेट में रिपोर्ट भिजवाने तथा हाईपरटेंशन कार्यक्रम के तहत स्क्रीनिंग करने पर जोर दिया। उन्होंने एनसीडी स्क्रीनिंग, आभा आईडी स्टेट्स, तंबाकू फ्री युवा कैम्पेन, 100 दिवसीय हैल्थ कैम्पेन आदि की समीक्षा करते हुए कहा कि आभा आईडी बनाने में जो जिले सीकर से पीछे चल रहे थे अब वे रैकिंग में आगे है, सीएचसी, एएनएम और आशा को प्रति का टारगेट देकर इसको पूरा करवाया जा सकता है। इस बारे में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक में भी कई बार निर्देश दिए गए हैं, लेकिन स्थिति में कोई खास सुधार नहीं हुआ है। उन्होंने सभी ब्लाॅक, सीएचसी, पीएचसी स्तर के अधिकारियों को आगामी सात दिन में स्थिति में सुधार करने के निर्देश दिए। साथ ही एनसीडी स्क्रीनिंग की समीक्षा करते हुए कहा कि अभी तक जिले के 58 प्रतिशत लोगों की ही स्क्रीनिंग की गई, जबकि अब तक 90 प्रतिशत कार्य हो जाना चाहिए और इसकी रिपोर्टिंग के कार्य में भी गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है।
लापरवाह कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई कर जिला मुख्यालय भेजे
जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ राजीव ढाका ने हर माह की नौ, 18 और 27 तारीख को मनाए जाने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व दिवस की विभाग के साफटवेयर में रिपोर्ट करने और किसी भी संस्थान पर इस दिन 30 से कम गर्भवती महिलाएं नहीं हो, यह सुनिश्चत करने के निर्देश दिए। उन्होंने हर माह के चैथे गुरूवार को उप स्वास्थ्य केन्द्र पर मनाए जाने वाले प्रसूती नियोजन दिवस की रिपोर्ट भिजवाने और यदि किसी संस्थान पर नहीं मनाया जाता हैं, तो संबंधित एएनएम के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि कई ब्लाॅक से रिपोर्ट नहीं भिजवाई जा रही है। इस पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डाॅ निर्मल सिंह ने सख्त नाराजगी जताते हुए लापरवाही करने वाले कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई कर जिला मुख्यालय भिजवाने के निर्देश दिए।
डांसरोली प्रभारी अधिकारी जिला मुख्यालय पर तलब
उन्होंने पल्स पोलियो, एमआर इलीमिनेशन, मिसिंग डिलीवरी की समीक्षा करते हुए वीसी में अनुपस्थित रहे अधिकारियों को निर्देश देने के निर्देश दिए। साथ ही मिसिंग डिलीवरी के मामले में डाॅसरोली के चिकित्सा अधिकारी प्रभारी, लेबर रूम प्रभारी और डेटा इंटी आॅपरेटर्स को जिला मुख्यालय पर उपस्थित होने के निर्देश दिए। वीसी में लेखा अधिकारी राजीव महला ने एनएचएम गतिविधियों के तहत उपलब्ध करवाए गए बजट व उसके उपयोग करने के निर्देश दिए।
आरबीएसके की गाडियों में जीपीएस वेरिफिकेशन के बाद पैमेंट करें
उन्होंने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत ब्लाॅक स्तर पर कार्यरत टीमों के कार्य की सतत निगरानी करने के निर्देश देते हुए कहा कि टीमें निर्धारित स्कूल व आंगनबाडी में नहीं जाती हैं और जाती भी हैं तो एक दो कार्मिक ही। ऐसे में टीम के सभी कार्मिक अपने निर्धारित स्थल पर जाकर बच्चों की स्क्रीनिंग करना सुनिश्चित करें और बीसीएमओ इसकी माॅनिटरिंग लगातार करें। उन्होंने आरबीएसके तहत लगे सभी वाहनों में जीपीएस लगाने और जीपीएस की लाॅकेशन वेरिफिकेशन के बाद ही भुगतान करने के निर्देश दिए। बैठक में डीपीएम प्रकाश गहलोत, एपीडेमियोलाॅजिस्ट डाॅ अंबिका प्रसाद जांगिड, एनटीसीपी समन्वयक डाॅ संजय शर्मा, जिला आईईसी समन्वयक कमल गहलोत, एफसीएलओ मुकेश सैनी, आदि मौजूद थे।