सूरजगढ़ [के के गाँधी] उपखंड का बड़ा अस्पताल जिस पर सैंकड़ों गांवों के मरीज आश्रित रहते है। लेकिन अस्पताल की अव्यवस्थाओं के चलते मरीजों को हारकर निजी अस्पतालों की शरण लेनी पड़ती है। सीएचसी की व्यवस्था भगवान भरोसे ही चल रही मरीज बड़ी आस लेकर अस्पताल तक पहुंचता है लेकिन जब इतने बड़े अस्पताल में कोई डॉक्टर उसकी बात तक नही सुनता है तो मरीज निराश होकर निजी अस्पताल में जाने को मजबुर होता है। ऐसा ही मामला अस्पताल में रविवार को देखने को मिला जब सुबह सुबह एक प्रसुता दो घंटे तक अस्पताल परिसर में तड़पती रही लेकिन अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों ने उसकी तरफ ध्यान तक नही दिया। पंजाब के संगरूर जिले के मरेला कोटला निवासी सलमान का परिवार पिछले कई सालों से कस्बे में रहकर विवाह शादियों में बर्तन धोने का काम करता है रविवार को सलमान की बेगम तोसिमा को प्रसव पीड़ा शुरू हुई तो परिजन प्रसुता को लेकर कस्बे के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचे जहां करीब दो घ्ंाटे तक प्रसुता अस्पताल परिसर में तड़पती रही लेकिन उपस्थित अस्पतालकर्मियों ने प्रसुता की सुध तक नही ली। परिजनों ने बार बार गरीबी व आर्थिक तंगी की गुहार लगाई लेकिन उन पर कोई ध्यान नही दिया गया। हारकर परिजन प्रसव पीड़ा से तड़पती तोसिना को चिड़ावा लेकर पहुंचे। गरीब और आम आदमी की इस पीड़ा को शेखावाटी लाइव नव निर्वाचित सरकार के मंत्रियो तक पहुचायेगा। ताकि धरती के ये भगवान् अपने मरीजों को भगवान् भरोसे छोड़ने की हिमाकत फिर नहीं दिखा सके।