पंचायत समिति परिसर में जगह-जगह गंदगी के आलम
दांतारामगढ़, (नरेश कुमावत) जहां एक और केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा स्वच्छ भारत मिशन के तहत कई प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही है और जनता को सुलभ शौचालय का उपयोग करने के लिए जागरूक किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर दांतारामगढ़ पंचायत समिति परिसर में विभाग की लापरवाही के कारण इस मिशन की धज्जियां उड़ती नजर आ रही है। दांतारामगढ़ पंचायत समिति कार्यालय परिसर में वर्तमान में तीन विभागों के कार्यालय अवस्थित है जिनमें तहसील कार्यालय, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय एवं पंचायत समिति कार्यालय है यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों आमजन अपनी समस्याओं को लेकर आते हैं जिनमें महिलाएं पुरुष शामिल है। विभागीय काम में यहां पर लोगों को सुबह से शाम तक का समय लग जाता है। तीन विभागों के कार्यालय होने के बावजूद यहां पर 2 साल पहले लगभग साढ़े पांच लाख रुपए की लागत से बनाए गए सुलभ शौचालय का ताला आज तक नहीं खोला गया है यहां आने वाले सैकड़ों लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है खासकर यहां आने वाली महिलाओं को काफी शर्मिंदगी महसूस होती है जब उनको शौचालय बंद मिलता है और उनको बाहर जाना पड़ता है इसके बावजूद विभागीय अधिकारी अपनी आंखें मूंदे बैठे हैं इसको लेकर यहां आमजन में काफी आक्रोश व्याप्त है। आश्चर्य की बात तो यह है कि सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने वाला पंचायत समिति विभाग स्वयं इस स्वच्छ भारत मिशन योजना का अनुसरण नहीं कर रहा है और स्वच्छ भारत मिशन योजना को केवल कागजों में ही सफल दिखा रहा है। लोगों का कहना है कि समस्या को लेकर विकास अधिकारी दुर्गा देवी ढाका को कई बार अवगत कराया जा चुका है लेकिन इसके बावजूद इस समस्या का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। दूसरी ओर यहां पर कई सालों पुराने बने हुए शौचालय में गंदगी का इतना आलम छाया हुआ है कि यहां पर 1 सेकंड भी खड़ा रहना मुश्किल है लोगों का कहना है कि इन शौचालयों की सफाई कई महीनों से नहीं की गई है जिनके कारण यह सारे कचरे से भरे पड़े हैं। इतना ही नहीं पंचायत समिति के सभा भवन के बरामदे में भी सफाई नहीं होती है इसके कारण बरामदे में काफी कचरा फैल रखा है अब जब सरकारी विभाग के कार्यालयों की स्थिति यह है तो आम जनता को दोष देना गलत होगा।