हाथ धोने तथा सामाजिक दूरी बनाये रखने का रखे ध्यान
झुंझुनू, कोरोना वायरस को लेकर आमजन एवं अन्य इनफोर्समेंट एजेन्सियों में मेडिकल मास्क के उपयोग एवं निस्तारण के बारे में कुछ भ्रान्तियां है। पुलिस कर्मियों द्वारा भी आमजन को मास्क का प्रयोग करने के लिए पाबंद किया जा रहा है। वहीं अन्य निजी संस्थाओं द्वारा भी अपने कार्मिकों को ऎसा करने के लिए बाध्य किया जा रहा है। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने एक एडवायजरी जारी कर बताया है कि मास्क का उपयोग कैसे करना है तथा इसके निस्तारण का क्या तरीका रहेगा। विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव रोहित कुमार सिंह ने बताया कि स्वस्थ व्यक्तियों, जिनमें संक्रमण के कोई लक्षण नहीं है, उन्हें मास्क की कोई आवश्यकता नहीं है। मास्क का प्रयोग लोगों में सुरक्षा की झूठी भावना पैदा कर सकता है, जिससे से व्यक्ति सुरक्षा के अन्य आवश्यक उपायों की उपेक्षा कर सकते है, जैसे हाथ धोना, सामाजिक दूरी बनाये रखना इत्यादि। उन्होंने बताया कि मेडिकल मास्क का उपयोग चिकित्सा कर्मियों को करना आवश्यक है परन्तु इसके अलावा सिर्फ वही व्यक्ति कर सकता है जिसको कफ, खांसी या बुखार हो, चिकित्सक को दिखाने जाए, किसी बीमार, संक्रमित या संदिग्ध व्यक्ति की देखभाल करे या संदिग्ध या संक्रमित व्यक्तियों के परिवारजन शामिल है। मेडिकल मास्क का उपयोग एक बार में अधिकतम 6 घंटे तक ही किया जा सकता है। एक बार मास्क पहने के बाद उसे बार-बार ना छूये। यदि इस दौरान मास्क गीला हो जाये तो उसे तत्काल बदल देवे। मास्क को गर्दन में लटका कर न रखें। मास्क को हटाते समय मास्क की बाहरी सतह को न छूये। पहले मास्क की नीचे वाली डोरी तथा बाद में उसके उपर वाली डोरी को खोले और उपयोग लिए गए मास्क का दुबारा उपयोग नहीं करें। मास्क के निस्तारण के लिए सबसे पहले मास्क को विसंक्रमित करे तथा उसके बाद उसे जलाने या जमीन में गहरा दबाने तथा नगर परिषद के कचरा संग्रहण वाहन के पीले रंग के डिब्बे में डाले।