दो अंकों का रहा उनके साथ विशेष संयोग
जन्म 12 जनवरी 1922, मृत्यु 02 /02 / 2020 रविवार दोपहर 3 बजकर 22 मिनट पर हुई
सन् 1942 में 2 साल तक जेल में रहे
दो राष्ट्रपति कर चुके थे सम्मानित
श्रीमाधोपुर पंचायत समिति के प्रथम प्रधान बनने का गौरव था हासिल
दांतारामगढ़, [ लिखा सिंह सैनी ] श्रीमाधोपुर के स्वतंत्रता सैनानी बालूराम सैनी का रविवार को निधन हो गया था । सैनी कुछ दिनों से अस्वस्थ थे। सैनी का सोमवार को गार्ड ऑफ ऑनार देकर राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में श्रीमाधोपुर के तहसीलदार व उपखण्ड अधिकारी गणमान्य नागरिकों जनप्रतिनिधियो सहित श्रीमाधोपुर के आसपास के सैकड़ों लोगों शामिल हुए। सैनी को उनके जेष्ठ पुत्र विजय कुमार ने मुखाग्नि दी। सैनी अपने पिछे भरापुरा परिवार छोड़ कर गयें है। स्वतंत्रता सैनानी बालूराम सैनी का जन्म 12 जनवरी 1922 को श्रीमाधोपुर के पुष्पनगर में हुआ था। इनके पिता का नाम भीखाराम सैनी था। इनकी शिक्षा मिडिल स्तर तक हुई थी। प्रारंभिक शिक्षा के दौरान ही ये गांधीजी के विचारों से बहुत प्रभावित हुए तथा इन्होने बचपन से ही प्रजा मंडल तथा चरखा संघ के माध्यम से स्वंत्रतता आन्दोलन में भाग लेना शुरू कर दिया। मात्र बारह वर्ष की आयु से ही इन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना सक्रिय योगदान प्रदान करना शुरू कर दिया था। इन्होने गांधीजी के जयपुर प्रवास के दौरान भी स्वतंत्रता आन्दोलन में अपनी अहम भूमिका निभाई। बाद में इनको गोपनीय डाक पहुंचाने की जिम्मेदारी दी गई। वर्ष 1942 में इन्हें पंजाब में अंग्रेजों ने गिरफ्तार कर लिया तथा दो वर्ष के लिए जेल में डाल दिया गया। जेल से रिहा होने के बाद दुबारा आजादी की लड़ाई में कूद पड़े। 1958 में जयरामपुरा ग्राम पंचायत के सरपंच निर्वाचित हुए। वर्ष 1959 में यह श्रीमाधोपुर पंचायत समिति के प्रथम प्रधान चुने गए तथा इन्हें श्रीमाधोपुर पंचायत समिति के प्रथम प्रधान बनने का गौरव हासिल हुआ। सन् 1987 सैनी को राजस्थान के मुख्यमंत्री हरदेव जोशी ने ताम्रपत्र देकर सम्मानित किया था ,सैनी को राष्ट्रपति डां. अब्दुल कलाम भी सम्मानित कर चुके है। 9 अगस्त 2017 को भारत के राष्ट्रपति ने इन्हें राष्ट्रपति भवन में आयोजित एट होम समारोह में निजी संदेश के साथ इलेक्ट्रिक केतली भेंट कर सम्मानित किया।