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स्वतंत्रता सैनानी नाथूराम गुर्जर की स्मृति में पुस्तकालय कक्ष का लोकार्पण

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के सिपाई थे

दांतारामगढ़, [लिखा सिंह सैनी ] आज हम जिस आजादी के साथ जीवन जी रहे है, वह आजादी प्राप्त करने में असंख्य माँ भारती के पुत्रों ने अपने प्राणों की आहुति दी, अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया,कइयों ने अपार कष्ठ सहे, यातनाये भुगती पर संघर्ष जारी रखा,ऐसे ही महान स्वतन्त्रा सैनानी थे स्व.नाथूराम जी गुर्जर,आप नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज के सिपाई थे,अंग्रेजो की इंडियन आर्मी को छोड़ कर आजाद हिंद फौज में चले गये,इन्होंने तत्कालीन समय मे देखा की अग्रेजी फौज के सभी सैनिक भारतीय थे जिनसे अंग्रेज आफिसर आजादी के लिये लड़ने वालों पर अत्याचार करवाते थे,मामूली से वेतन पर अपने देश वासियों पर जुल्म करना नाथूराम जी को बर्दाश्त नही हुवा एवम इन्होंने उस स्थाई वेतन वाली नोकरी को ठोकर मार कर,आजाद हिंद सेना में जाने का कंटकाकीर्ण मार्ग चुना,ये नेताजी के व्यक्तित्व से प्रभावित थे,स्व.गुर्जर के साथ इन्ही के गांव घाटवा के स्व. गुलाब सिंह शेखावत, पडौसी गांव खोरण्डी के सवाई सिंह शेखावत ने भी नेताजी सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज जॉइन की,उस समय की परिस्थितियां बड़ी विकट थी,सुविधा नाम की कोई चीज नही हुवा करती थी,पुर्वोत्तर में तत्कालीन ब्रह्मा वर्तमान के म्यामार होते हुए मणिपुर की राजधानी इम्फाल पहुचे एवम पूरे क्षेत्र को फिरंगियों से मुक्त किया,नेताजी के साथ इनके सैनिकों ने भी इम्फाल में भारत माँ की रज को शिरोधार्य किया,नेताजी ने आव्हान किया”दिल्ली चलो….”आजाद हिंद फौज की कार्यवाही से फिरंगियों की चूले हिल पड़ी,पूरे देश मे अंग्रेजो के प्रति विद्रोह भड़क उठा ओर अन्तोगत्वा उनको भारत छोड़ना पड़ा,हिंदुस्थान में अंग्रेजो का सबसे बड़ा दुश्मन यदि कोई था तो वो थे नेताजी सुभाष चंद्र बोस एवम उनकी आजाद हिंद सेना…. आजाद हिंद फौज के सैनानी स्व.नाथूराम जी गुर्जर ताम्रपत्र धारक थे,हमारे गांव के ही गांधीवादी नेता स्व.घीसालाल जी कामदार के अथक प्रयासों से यह सब संभव हुवा,क्योंकि उस समय का रिकार्ड मिलना एक तरह से मुश्किल ही नही बल्कि असम्भव सा था,पर कठिन प्रयासों से संभव हुवा,स्व.नाथूराम जी को केंद्र एवम राज्य सरकार ने फ्रीडम फाइटर का दर्जा दिया,हर स्वतंत्रता दिवस गांव की स्कूल में आयोजित मुख्य समारोह में नाथूराम जी गुर्जर ध्वजारोहण करते थे एवम तत्कालीन सरपंच स्व.घीसालाल जी कामदार के साथ मार्चपास्ट की सलामी लेते थे,वो दृश्य अलग ही होता था। आज स्वतंत्रता दिवस के पावन अवसर पर राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल घाटवा में स्वतंत्रता सैनानी स्व.नाथूराम जी गुर्जर के नाम पर पुस्तकालय कक्ष का नामकरण कर लोकार्पण किया गया,जिला कलेक्टर नागौर के विशेष आदेश से यह कार्य हुवा,स्व.गुर्जर की स्मृति को चिरस्थाई बनाने के लिये यह बहुत ही सार्थक कार्य है।आज कोविड 19(कोरोना)के चलते आयोजित सादे समारोह में स्व. गुर्जर के सुपुत्र सेवानिवृत व्याख्याता उदयराम जी कटारिया पुस्तकालय कक्ष का फीता काट कर लोकार्पण किया,कार्यक्रम की अध्यक्षता पूरण मल कुमावत,सरपंच ग्राम पंचायत घाटवा ने की एवम विशिष्ट अतिथि सुरेंद्र सिंह शेखावत, उप सरपँच घाटवा, मोहन लाल कुमावत,रमेश पारीक एडवोकेट,हीरालाल कुमावत अभियोजन अधिकारी,हेमंत देवत,नारायण राम गोठवाल थे।

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