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रवां के जगदीश पर सवार है पर्यावरण संरक्षण का जूनून, पेड लगाने मे किये 4 लाख खर्च

शिमला[अनिल शर्मा ] दुनिया मे जन्म लेने वाला हर जीव धरती पर आकर अपने बच्चों के बारे मे सोचता है। अपने बच्चों के लिए पैसे जोडता है। कमाई से बचा बचाकर अपने बच्चों के लिए सुरक्षित रख जाता है। लेकिन कुछ ऐसे भी होते हैं। जो कुछ अलग ही सोच लेकर दुनिया मे आते हैं। ऐसे ही एक सख्श हैं। ग्राम रवाँ निवासी भगवानाराम जेवरिया के घर पतासी देवी की कोख से 1957 मे जन्मे जगदीश प्रसाद जेवरिया। जगदीश ने 9 वीं कक्षा उतीर्ण कर आई टी आई की तथा खेतडी नगर स्थित खेतडी ताम्र परियोजना मे सर्विस लग गया। जेवरिया जिनको एक अनोखी धुन सवार है। और वो धुन हैं पेड लगाने की। अपनी पूरी कमाई को पेड लगाने मे ही खर्च कर रहे हैं। जगदीश गत 5 वर्ष से पेड लगाने मे लगे हैं। जगदीश अब तक लाखों रूपये खर्च करके सैकडों पेड लगा चुके हैं। जगदीश गत 5 वर्ष पूर्व उनके पिताजी का देहान्त हो गया था तब वहं मुक्ति धाम मे अपने पिता को मुखाग्नि देने आये तब तेज धूप थी तथा वहाँ पर एक भी पेड नही था। उसी समय उन्होने मन मे ठान लिया कि वो यहाँ पर छायाँदार पेड लगायेंगे। तथा यहं धुन उन पर सवार हो गयी तथा उन्होने मुक्तिधाम से पेड लगाने की शुरूआत कर दी। मुक्तिधाम मे 50 पेड बड व पीपल के लगाये है। जो सभी सुरक्षित है। जगदीश ने पेडो की सुरक्षा की खातिर अपने स्वयँ के खर्चे से ईंट भटटे से ईंटे खरीदकर गमले बनाये है। ताकि पशुओ से सुरक्षा की जा सके। रवाँ ग्राम मे पानी की भी विकट समस्या है इसके लिए उन्होने स्वयँ के पैसो से टैंकर डलवाकर पेडो मे पानी पहुँचाया है। जब टैंकर नही मिला तो साईकिल पर डब्बे लगाकर पानी डाला है तथा आज सभी पेड बडे-बडे हो गये है।

जगदीश जेवरिया

जगदीश ने बताया कि इसके अलावा उन्होने भृतहरी धाम रवाँ पर 170 पेड बड व पिपल के तथा नला वाले हनुमान मन्दिर मे 40 पेड तथा कन्या विद्यालय मे भी 40 पेड लगाये है। तथा ग्राम मे सार्वजनिक स्थानो पर खाली पडी जमीन पर भी अनेको पेड लगाये है। जगदीश अब भी लगातार पेड लगा रहे हैं। एचसीएल खेतडी से सेवानिवृत जगदीश ने बताया कि उसके एक जुनुन सवार है कि वो जब तक जिन्दा रहेगा पेड लगाता रहेगा। जगदीश पेडो की खुदाई करता है तथा उनमे दीमक न लगे इसके लिए समय-समय पर दवा भी डालता है। इस कार्य मे उसकी पत्नि बिमला देवी भी उसका हाथ बटाँती है। जगदीश का कहना है कि पेड लगाने से पर्यावरण शुद्ध होता है। पेड मेरे बेटों की तरह हैं। मैं पेडो का सन्तान की तरह ही पालन करता हूं। ग्राम की सरपंच रेखा जेवरिया व समाजसेवी शिवकुमार जेवरिया ने बताया कि ग्राम पंचायत ने पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने मे सहयोग करने पर जगदीश को गणतंत्र दिवस पर उपखण्ड अधिकारी खेतडी तथा ग्राम पंचायत रवां द्वारा सम्मानित किया जा चुका है। अब वो चाहते है कि राज्य स्तर व जिला मुख्यालय पर भी उसका सम्मान किया जावे ताकि लोग उससे प्रेरणा ले सके तथा पर्यावरण को शुद्ध रखने मे सहयोग कर सके।

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