अखिल भारतीय परिषद दातारामगढ़ द्वारा
दांतारामगढ़(लिखासिंह सैनी) अखिल भारतीय परिषद दातारामगढ़ द्वारा राजस्थान बोर्ड की 10 वी के पाठ्यपुस्तकों में भारतीयों के आदर्श महाराणा प्रताप व उनके पिता महाराणा उदय सिंह के बारे में अनर्गल व ग़लत जानकारियों को शामिल करने के विरोध में मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। जिला सहसंयोजक त्रिभुवन सिंह दुधवा ने बताया कि बोर्ड द्वारा संकलित किताब में उदय सिंह को बनवीर का हत्यारा बताया गया है जबकि इतिहासकार बताते है की बनवीर मावली युद्ध में हार कर महाराष्ट्र की तरफ़ भाग गया था। साथ ही नई पाठ्य पुस्तकों में बताया गया है की महाराणा प्रताप में वीरता, शौर्य, पराक्रम, धेर्य व सैन्य कुशलता का नितान्त अभाव था। जबकि सभी इतिहासकार चाहे वो अकबर के दरबारी लेखक बंदायूनी रचित मुन्तख़ाब-ऊत-तवारीख हो, अबुल फ़ज़ल रचित अकबर नामा हो विदेशी इतिहासकार कर्नल जेम्स टाड रचित एनाल्स एण्ड एंटिक्यूटीज आँफ़ राजस्थान या अमरकाव्यम, राणा रासों, नेणसी री ख्यात, सगत रासो, राजप्रशस्ति, राज रत्नाकर आदी सभी के लेखक मुक्त कंठ से महाराणा प्रताप के अप्रतिम शौर्य, पराक्रम, वीरता, सैन्य कुशलता, धेर्य की प्रशंसा अपनी लेखनी में करते है, जेम्स टाड तो हल्दी घाटी के युद्ध को थर्मोपल्ली के युद्ध की संज्ञा देते है ओर सदियों से स्वदेश प्रेमी व स्वतंत्रता प्रेमी महाराणा को अपना आदर्श मानते आयें है। वर्तमान राजस्थान सरकार द्वारा हिन्दुओं के गौरवशाली इतिहास को कलंकित करने का प्रयत्न किया जा रहा है जो असहनीय है साथ ही सरकार को चेतावनी भी की विषय की गम्भीरता को देखते हुए तुरन्त संज्ञान लेते हुए इन भ्रामक बातों को पाठ्यपुस्तकों से हटाए अन्यथा विद्यार्थी परिषद पूर्वजों के सम्मान की ख़ातिर आंदोलन के पथ पर अग्रसर होगा । ज्ञापन देने वालों में विवेक दाधीच, दिलीप खोरानीया, मुकेश वर्मा ,योगेश कुमावत ,रजत शर्मा आदि लोग मौजूद रहे।