झुंझुनूं, इंडोनेशिया मूल की प्रख्यात वक्ता डाॅ अमिला इस्तिखारा ने कहा है कि पूरी दुनिया में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीक का इस्तेमाल बडी तेजी के साथ हो रहा है। हमें हर क्षेत्र में एआई के सदुपयोग को सुनिश्चित करना होगा, ताकि मानव जीवन में आने वाली चुनौतियों का सरलता से निदान किया जा सके। उन्होंने शिक्षक वर्ग से आह्वान किया कि वो व्यक्तित्व विकास के साथ-साथ प्रौद्योगिकी को अपने व्यवहार में शामिल करें, तभी अपने देश व समाज के विकास में अपना योगदान दे पाएंगे।
वे श्रीजेजेटी यूनिवर्सिटी झुंझुनूं के गृह विज्ञान विभाग द्वारा एडवांसिंग ई लर्निंग एंड टेक्नालाॅजिकल इनोवेशंस इन होम साइंस पर आयोजित इंटरनेशनल कांफ्रेंस को संबोधित कर रही थी। अंतरराष्ट्रीय वक्ता डाॅ अमिला इस्तिखारा ने 200 प्रतिभागियों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि वर्तमान दौर में शिक्षा डिजिटल ट्रांसफोर्मेशन के दौर से गुजर रही है। दिन प्रतिदिन तकनीक में हो रहे विस्तार के बारे में जागरूक रहना समय की मांग बन गई है। ऐसे में प्रत्येक शिक्षक को तकनीक का लाभ उठाते हुए अपने शैक्षणिक व व्यक्तित्व गुणों में बढोतरी करनी होगी। उन्होंने शिक्षा में रचनात्मकता को बढावा देने पर भी जोर दिया
इससे पूर्व प्रथम सत्र में वक्ता के तौर पर गुरू जंभेश्वर यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नालाॅजी हिसार से प्रोफेसर व निदेशक यूजीसी-एचआरडीसी सुनीता रानी ने कहा कि गृह विज्ञान विषय का दायरा बहुत विस्तृत है। घर के प्रबंधन से लेकर इंटीरियर-डेकोरेशन के साथ-साथ कई स्तर पर गृह विज्ञान की विभिन्न प्रायोगिक गतिविधियां रसोई में एक गृहणी को बेहतर बनाने में मददगार साबित होती हैं। इग्नू, दिल्ली में सहायक निदेशक डाॅ नविता अबरोल ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 पाठ्यक्रम में लचीलापन लाते हुए विद्यार्थियों को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर प्रदान किया है। इससे विद्यार्थियों के सर्वांगीण विकास में अहम योगदान देना संभव होगा और शिक्षकों के प्रबंधन को भी बेहतर बनाने में मदद मिलेगी।
इंटरनेशनल कांफ्रेंस की संयोजक गृह विज्ञान विभागाध्यक्ष डाॅ सविता सांगवान ने बताया कि कांफ्रेंस में विभिन्न देशों के 200 प्रतिभागियों की भागीदारी रही, इसमें 65 प्राध्यापकों द्वारा पेपर भी रखा गया। कांफें्रस का संचालन डाॅ नाजिया हुसैन द्वारा किया गया, जबकि डाॅ अनंता शांडिल्य, डाॅ नुपुर गुप्ता ने भी इसमें अहम भूमिका निभाई।