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आमजन को नहीं होंने दी जायेगी कोई परेशानी
सीकर, जिला कलेक्टर अविचल चतुर्वेदी ने बताया कि नवलगढ़ रोड़ पर जल भराव के पानी की निकासी के लिए जिला प्रशासन ने व्यापक प्रबंध किये है। उन्होंने बताया कि आमजन कोई भी परेशानी नहीं होंने दी जायेगी। उन्होंने बताया कि जहां तक स्थाई व्यवस्था नहीं होती है तब तक जिला प्रशासन ने अतिरिक्त पम्प लगाकर पानी निकासी की समुचित व्यवस्था की है। उन्होंने कहा कि रेलवे के अधिकारियों से जिला प्रशासन ने समन्वय स्थापित कर वर्षा के पानी को रेलवे के रास्ते से भी निकला जा रहा है। उन्होंने कहा कि जब वहां पर मजबूत ऑर्डर रेनेज का काम किया जायेगा उसमें भी रेलवे का पानी निकालने की व्यवस्था की जायेगी, जिससे यह काम भी बहुत जल्द ही शुरू करवायेंगे। जिला कलेक्टर ने बताया कि पानी निकासी के लिए भादवासी के ग्रामीणों से बात करके उनसे सहमति लेकर जो भी स्थिति है उस स्थिति पर चर्चा करके उनके संशय को भी दूर कर इस कार्य को जल्द शुरू करवायेंगे और पूरे शहर को ड्रेनेज की समस्या से मुक्ति दिलाने का प्रयास करेंगे।
जिला कलेक्टर ने बताया कि साप्ताहिक बैठक में विशेष रूप से बिजली विभाग, नगर परिषद, पीडब्ल्यूडी, सामान्य प्रशासन, पुलिस विभााग के अधिकारियों को बरसात के मौसम में पूरी तरह सतर्क रहने के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया कि हर्ष पर्वत पर चट्टान गिरने की घटना हुई थी उसके बाद जिला प्रशासन ने हर्ष पर्वत का रास्ता अस्थाई रूप से बंद कर रखा है लेकिन जल्द ही जिला प्रशासन इस पर निगरानी रखते हुए उस सड़क मार्ग को जल्द शुरू करने का प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि नवलगढ़ रोड़ पर पानी भरने की समस्या है, यह शहर की पुरानी समस्या है इस बात से सभी लोग अवगत है। वहां पर कोचिंग ,मार्केट विकसित हुआ है जब से हुआ तभी से पानी भरने की समस्या चली आ रही है और उसमें बढ़ोत्तरी भी हुई है जिसका मुख्य कारण लगातार बसावट में वृद्धि होना है। उन्होंने बताया कि सीकर शहर की भौगोलिक स्थिति इस प्रकार से है कि यहां पानी भरने की समस्या काफी विकट है। उन्होंने कहा कि केवल नवलगढ़ रोड़ पर ही नहीं ऐसे कई क्षेत्र है जहां पर लगातार पानी भरा रहता है। काफी समय तक पानी के निकासी के लिए प्रोपर रास्ता नहीं है तथा शहर की निचले स्तर पर बसावट है। उन्होंने बताया कि विगत तीन वर्षों में पानी निकासी की प्रगति में सुधार हुआ है जिससे इस बार बार बजाज रोड़, राधाकिशनपुरा अण्डर पास जैसी जगहों पर शहरों में लम्बे समय तक पानी से भरे रहते थे, वहां पर पानी भरने की समस्या थोडी कम हुई है। इसी प्रकार नानी बीड़ में भी ऎसे ही स्थिति होती थी और इसमें भी गांव वालों का पक्ष होता है कि हमारे खेत, गांव में पानी नहीं आना चाहिए जिसके लिए 3 साल पहले गांव और खेत सब जगह डूबते थे लेकिन वहां पर नगर परिषद द्वारा एसटीपी का पानी भरने की व्यवस्था शुरू की है उसकी वजह से नानी बीड़ में भी पानी भरने की समस्या कम हुई है।