गोगानवमी पर गांव घांघू में ग्रामीण कबड्डी प्रतियोगिता का शुभारंभ
चूरू, गोगानवमी के अवसर पर गांव घांघू में वीर गोगाजी ग्रामीण कबड्डी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कोरोना के कारण दो साल के अंतराल से हुई इस पारम्परिक खेल प्रतियोगिता का ग्रामीणों ने भरपूर लुत्फ उठाया। ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष परमेश्वर लाल दर्जी की अध्यक्षता में हुए शुभारंभ समारोह में मुख्य अतिथि कोविड-19 के नोडल अधिकारी डॉ अहसान गौरी ने पूर्व उप संरपंच एवं गोगाभक्त स्व. भंवर सिंह राठौड़ के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर एवं फीता काटकर प्रतियोगिता का शुभारंभ किया। उद्घाटन मैच फैशन वल्र्ड क्लब घांघू और मुख्य गोगामेड़ी क्लब के बीच खेला गया। इस मौके पर डॉ गौरी ने आयोजकों की ग्रामीण खेल प्रतियोगिता के लिए सराहना करते हुए कहा कि युवाओं को खेलों में रूचि रखनी चाहिए। खेलेंगे तो स्वस्थ रहेंगे और स्वस्थ रहेंगे तो ही सशक्त राष्ट्र का सपना साकार होगा। उन्होंने कहा कि आज सरकारें स्वास्थ्य पर भरपूर पैसा खर्च कर रही है और लोगों को स्वस्थ रखने का प्रयास कर रही है लेकिन यदि हम स्वयं चाहें तो अपनी जागरुकता और दिनचर्या से बहुत सारी बीमारियों से बच सकते हैं।
स्वागत उद्बोधन में युवा लेखक कुमार अजय ने कहा कि गोगाजी के पूर्वज घांघू से उठकर ददरेवा गए थे, इसलिए समस्त गोगाभक्तों का घांघू से लगाव है और यह धरती जीण-हर्ष के साथ-साथ वीर गोगाजी जैसे योद्धाओं से भी संबंध रखती है। उन्होंने बताया कि गोगाजी के लोकदेव होने से उनकी पूजा बहुत होती है लेकिन उनकी वीरता और पुण्य कार्यों से बहुत लोग अपरिचित हैं। गोगाजी देश के उन स्वाधीनता सेनानियों में से हैं, जिन्होंने विदेशी आक्रांताओं से लोहा लिया।
सामाजिक कार्यकर्ता महावीर नेहरा ने कहा कि खेल व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक तौर पर स्वस्थ रखते हैं और उसमें संघर्ष क्षमता का विकास होता है। सहायक विधि परामर्शी धर्मपाल शर्मा ने खेलों को मनुष्य जीवन की गुणवत्ता बढाने का साधन बताया। वार्ड पंच अमित शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से ग्रामीण ओलपिक खेलों का आयोजन होने जा रहा है। ग्रामीण युवाओं को उनमें भी पूरी रूचि के साथ भाग लेना चाहिए।
संयोजक केसरदेव गुरी ने आभार जताया। संचालन बीरबल नोखवाल ने किया। इस दौरान नन्हे चैतन्य द्वारा ओजस्वी स्वर में कृष्ण की चेतावनी कविता का पाठ कर दर्शकों को हतप्रभ कर दिया। इस मौके पर सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट युनुस अली खान, राष्ट्रीय एथलीट हरफूल सिंह राहड़, समाज सेवी राजेश जांगिड़, संजय दर्जी, शहीद के पिता रामलाल फगेड़िया, फारूख खान, सांवला राम, बजरंग कपूरिया, सत्यप्रकाश मीणा, आजम खान, युसुफ खान, करणी राम नैण, कमल सहारण, विजय सिंह, ताराचंद प्रजापत, रामचंद्र ढाका, विजेंद्र सिहाग, वासुदेव सिहाग, अजय जांगिड़, विनित राहड़, रामचंद्र राहड़, गुमानाराम मांझू, अशोक झाझड़िया, महादेव प्रसाद जांगिड़, मानसिंह राठौड़ दांदू, रामजीलाल कस्वां, मनीष दर्जी, नवीन दर्जी, दिनेश दर्जी, अजय प्रजापत, विशाल दर्जी, रूपेश दर्जी, चंद्रभान शर्मा, राकेश शर्मा, अरविंद दर्जी, प्यारेलाल प्रजापत, मुकेश दर्जी, मुरारीलाल दर्जी, रामकुमार मांझू, मुकेश बाटू, विक्रम तंवर, देवकरण जांगिड़, सहित बड़ी संख्या में खिलाड़ी, ग्रामीण, युवा, खेलप्रेमी मौजूद थे।