
सीकर, मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के निर्देशानुसार ऊर्जा को बढ़ावा देने में जुटी सरकार ने सौर ऊर्जा के लिए आवेदन करने वाले लोगों को बड़ी राहत दी है। पीएम सूर्यघर बिजली योजना के तहत सोलर पैनल के लिए आवेदन करने पर अब न तो आवेदन शुल्क देना होगा और न अमानत राशि और मीटर चार्ज देने की जरुरत पड़ेगी।
राजस्थान विद्युत नियामक आयोग (आरइआरसी) ने इसका आदेश जारी किया है। आदेश से हजारों उपभोक्ता को फायदा मिलेगा। आरइआरसी की ओर से जारी आदेश के अनुसार पीएम सूर्य घर बिजली योजना में घरों की छतों पर सौर विद्युत संयंत्र का लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रक्रिया को सरल किया है। अब तक तीन तरह की राशि का भार उपभोक्ताओं पर डाला गया था। कनेक्शन होने के बाद बिजली बिल में राशि जुड़कर आती थी।
बैंक भी दे रहे ऋण:
घरों पर सौर उर्जा संयंत्र लगाने में अग्रणी बैंक सात प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण दे रहे हैं। तीन किलो वाट तक की क्षमता के लिए 78 हजार सब्सिडी उपलब्ध कराई जा रही है। योजना की लागत 3 से 4 साल में रिकवर होने के बाद उपभोक्ता को नि:शुल्क बिजली उपलब्ध होगी। रूफटॉप सोलर योजना से ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा और शेष बचे उत्पादन का घरेलू कनेक्शन धारकों को फायदा मिलेगा।
इतनी बिजली बनाता है सोलर:
सोलर रूफ टॉप प्रतिदिन लगभग 4 यूनिट बनाता है यानी महीने में 120 यूनिट, साल में 1440 यूनिट उपयोग के बाद बची हुई बिजली निगम के पास चली जाती है। जिसका 2.17 रुपए प्रति यूनिट के अनुसार उपभोक्ता को भुगतान होता है। सोलर लगाने के बाद बिजली के बिलों में कमी होने से न केवल उपभोक्ताओं को आर्थिक लाभ मिलेगा बल्कि उन्हें प्रदूषण मुक्त बिजली भी मिलेगी। वहीं सोर ऊर्जा उत्पादन कर राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में योगदान भी मिलेगा।
उपभोक्ताओं को राहत:
सूत्रों ने बताया कि आवेदक को दी गई राहत से अब ऐसे उपभोक्ताओं व वेंडर्स का काफी समय बचेगा। लेकिन, इन सब राहतों को उपभोक्ताओं व वेंडर्स को वास्तविक रूप से पहुंचाने के लिए निगम के अधिकारियों को ट्रेकिंग कर कार्रवाई करनी होगी। इसके अलावा लक्ष्य प्राप्ति के लिए मीटर्स निगम की ओर से व 100-200 यूनिट प्रति माह तक की खपत वाले उपभोक्ताओं को सरकार की ओर से 30 से 60 हजार रुपए की अतिरिक्त सब्सिडी और देनी चाहिए।
इन चीजों पर मिलेगी राहत:
आवेदन करने पर उपभोक्ताओं को आवेदन के साथ ही अमानत राशि व मीटर चार्ज देने की जरूरत नहीं होगी। कनेक्शन शुल्क भी बिल में थोड़ा-थोड़ा जुड़कर आएगा।
कोई एडवांस शुल्क नहीं:
पहले उपभोक्ताओं को अलग-अलग चरणों में अलग-अलग शुल्क जमा करने पड़ते थे। अब सभी लागू शुल्क सौर संयंत्र शुरू होने के बाद घरेलू बिजली बिल में जोड़े जाएंगे।
लोड बढ़ाने की प्रक्रिया आसान:
नए प्रावधानों के तहत अब उपभोक्ताओं को अलग से लोड बढ़ाने के लिए शुल्क जमा करने की जरूरत नहीं होगी।
मुफ्त रखरखाव:
इस योजना में पच्चीस साल तक रखरखाव का कोई खर्च नहीें होगा। जिससे उपभोक्ताओं को अतिरिक्त वित्तीय बोझ नहीं उठाना पड़ेगा।