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प्रगतिशील किसान सुंडाराम के द्वारा सालभर पहले लगाए पौधों की लम्बाई 3 से 13 फिट तक बढ़ी

किसान दिवस कल

एक लीटर पानी की तकनीकी से 12 बीघा में 1500 पेड़ लगाए

दांतारामगढ़, [लिखा सिंह सैनी ] राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत व नवाचारी किसानों  के “गुरूजी” के नाम से जाने वाले दांता कस्बे के  प्रगतिशील  किसान कृषि वैज्ञानिक डॉक्टर सुंडाराम वर्मा को  नई  दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 8 नंवबर 2021को  पद्मश्री पुरस्कार देकर सम्मानित किया । एक लीटर पानी में पेड़ लगाने की तकनीकी विकसित करने पर व कृषि क्षेत्र में नई ,नई तकनीक विकसित करने पर मिला था पद्मश्री पुरस्कार ,कम समय में उन्नत फसलों की पैदावार बढ़ाने को लेकर भी किये है  बहुत से शोध कार्य कर देश विदेश में पहचान बनाई है। दांतारामगढ़ क्षेत्र में घट रहे जलस्तर के संकट को देखते हुए  बरसाती पानी का जल संचयन किया, जल संचयन कर  साल भर करते है खेती। वर्मा ने बरसाती पानी का लगभग 20 लाख लीटर पानी का  संचयन किया एवं स्वयं के कृषि फार्म में 1 हेक्टेयर में  अनार का बगीचा व 1 हेक्टेयर में सेनणा के पेड  लगे  हुए है। अनार के बगीचे में  0.66 हैक्टेयर में  प्लास्टिक बिछाकर बरसाती पानी का संचयन  किया है । बारिश के पानी से  2 हैक्टेयर में पैड़ो और 1 एकड़ में लगी सब्जी को पानी देकर अच्छा उत्पादन  कर रहे है। क्षेत्र में पानी की ज्यादा कमी है तो सभी किसान भाईयों को वर्षा का पानी  संचयन करना चाहिए इसके लिए सरकार अनुदान राशि भी देती है ।

एक लीटर पानी से एक पेड़ विधि

एक लीटर पानी से एक पेड़ विधि को विकसित
करने वाले राजस्थान के सीकर जिले के दांता निवासी डॉ. सुंडाराम वर्मा देश विदेश में विशिष्ट पहचान रखते हैं। कृषि वैज्ञानिक डॉ. सुंडाराम ने कहा कि मेरा सबसे सफल व जल संरक्षण का बेहद महत्वपूर्ण उदाहरण है एक लीटर पानी से पौधारोपण इस तकनीकी से अर्ध मरूस्थलीय ओर मेदानी क्षेत्र में पौधे को पूरे जीवन काल में एक लीटर पानी पौधा लगाते समय दिया जाता है। आईसीएआर व अनुसंधान संस्थानों द्वारा मान्य इस तकनीक को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों से लेकर देश विदेश के मीडिया ने सराहा।

इस विधि द्वारा गोपाल गौशाला , झाड़ली तलाई के पास दांता में, खेजड़ी, झाड़ी, अल्डु,शीशम, रोहीडा़ के 12 बीघा स्टैंडर्ड में 1500 पेड़ एक साल पहले लगाए गए थे जो आज हरा भरा है, तथा औसतन लगाए गए पेड़ों से ज्यादा लंबाई है। किसान सुंडाराम वर्मा ने बताया कि 20 दिसंबर 2021 में 3 से 5 डिग्री तापमान था जिसके कारण पैडौ़ पर विपरीत प्रभाव पड़ा, सभी पौधे ढके हुए थे, डंटल ही बचें थे। जब मार्च का महिना आया था जब वापस जड़ से फुट कर पौधे बन गए, जो आज सभी पौधे सुरक्षित व हरे भरे लहराते हुए हैं। खेजड़ी – एक साल पहले लगाए गए पौधे की वर्तमान में खेजड़ी की लंबाई 6 फिट के आसपास है।
शीशम – शीशम की लंबाई 13 फिट के आसपास है।
अल्डु- अल्डु की लंबाई 11 फिट के आसपास है।
झाड़ी – झाड़ी की लंबाई 8 फिट के आसपास है।
रोहीडा़- रोहीडा़ की लंबाई 3 फिट के आसपास है।
सहजन- सहजन की लंबाई भी 10 फिट के आसपास है। इन सभी पौधों में सालभर में सबसे ज्यादा शीशम की लम्बाई बड़ी है । सालभर में आम आदमी द्वारा लगाए गए पौधों की इतनी लम्बाई नहीं बढ़ती है जितनी वर्मा द्वारा एक लीटर तकनीकी से बढ़ी है । पौधों की लम्बाई 3 से 13 फिट तक बढ़ी है।

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