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राज्य सरकार द्वारा ग्रामीण ओलम्पिक खेलों की शुरूआत खिलाड़ियों को बेहतर प्लेटफार्म प्रदान करेंगी – प्रभारी मंत्री रावत

जिले में ग्राम पंचायत स्तर पर राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों का हुआ भव्य आगाज

कोलीड़ा खेल स्टेडियम में ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का किया शुभारम्भ

सीकर, कोलीड़ा खेल स्टेडियम में हुए जिला स्तरीय आयोजन में राजीव गाँधी ग्रामीण ओलम्पिक का शुभारम्भ किया गया। समारोह में सरस्वती माता के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलित किया गया। कार्यक्रम में अतिथियों का शाल, साफा व माला पहना कर स्वागत किया गया। सैंट मेरी स्कूल के ड्रम की धुन पर शारीरिक शिक्षक सुमेर सिंह ख्यालिया के निर्देशन में खिलाडियों ने मार्च पास्ट किया। राउमावि स्कूल की बालिकाओं ने सरस्वती वंदना व खेल गीत प्रस्तुत किया। मुख्य अतिथि उद्योग, वाणिज्य, राजकीय उपक्रम एवं देवस्थान विभाग व जिले की प्रभारी मंत्री शकुन्तला रावत नें प्रतियोगिता का झंडारोहण कर विधिवत उद्घाटन किया। मुख्य अतिथि प्रभारी मंत्री शकुन्तला रावत ने अपने सम्बोधन में कहा कि मुख्यमंत्री का सपना है कि कोई भी बालक, महिला, बुजुर्ग, कर्मचारी व अधिकारी परेशान न हो। सभी सुखी व स्वस्थ रहें। उन्होंने कहा कि बच्चों में पीटी व खेलों की परम्परा गायब सी होती जा रही है, इसलिए राजस्थान के गांव-ढाणी में रहने वाले लोगों के लिए ग्रामीण खेलों को बजट घोषणा में शामिल किया गया ताकि मजदूर का बच्चा भी खेलकर आगे बढ़ सके, उसकी प्रतिभा में निखार हो और उसे भी खेलने का मौका मिल सके। उन्होंने कहा कि मेजर ध्यानचंद हॉकी के जादूगर थे। जिनकी स्टिक पर बॉल आती थी तो फिर इधर-उधर नहीं होती थी। आज उनका जन्म दिवस है। उनके जन्म दिवस को ग्रामीण ओलम्पिक के शुभारम्भ के लिए चुना है। प्रभारी मंत्री रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने खिलाडियों को आउट ऑफ टर्न नौकरी दी है जो देश में एक उदाहरण है। गांवों में खेल का प्रचार व प्रसार हो सके इसके लिए शारीरिक शिक्षकों की भर्तियां निकाली हैं। उन्होंने कहा कि बचपन से अनुशासन व संस्कार सीखाने के लिए शारीरिक शिक्षकों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि खेलों को माध्यम से तन व मन दोनों स्वस्थ रहते हैं। प्रभारी मंत्री रावत ने कहा कि पहले कर्मचारियों को बीमारी के बिल बनाने के लिए सरकारी डॉक्टर के पास जाना पड़ता था। लेकिन अब उन्हें सिर्फ एक कार्ड दिखाना होता है। अब दवाईयों का सारा पैसा सरकार वहन करती है। चिरंजीवी योजना के बारे में उन्होंने कहा कि पहले बीमारी में सारा खर्चा सरकार वहन करती है। अब दुर्घटना होने पर सरकार पांच लाख का बीमा देती है। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि भारत का निर्माण करने वाले शिक्षक ही हैं। स्कूल विद्या के ऎसे मंदिर हैं जहाँ छत्तीस कोम के बच्चे एक जगह लाईन में बैठकर ज्ञान ग्रहण करते हैं। शिक्षक उस मंदिर के भगवान हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों में ऎसे संस्कार डालें जिससे कि वे कोई ऎसा काम न करें जिससे गांव, मां-बाप व विद्यालय का नाम खराब हो। शिक्षक हर बच्चे में अपने बच्चे की मूरत देखें। हर बहन बेटी की मूरत में अपनी बेटी की मूरत देखें। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक ने कहा कि खेलों की संस्कृति पैदा करने की सोच के साथ मुख्यमंत्री ने ग्रामीण ओलम्पिक की शुरूआत की है। सोशल मिडिया के आडंबर की वजह से खेलों के प्रति बच्चों का रूझान कम होता जा रहा है। पारीक ने कहा कि खेलों से समरसता की भावना उत्पन होती है। उन्होंने कहा कि देश में यह पहला आयोजन है जिसमें ग्रामीण अंचल के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। इन खेलों से सामजिक समरसता के साथ खेलों के प्रति रूझान भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि खेल के माध्यम से खिलाड़ी अपना कैरियर भी बना सकते हैं।

जिला कलक्टर डॉ. अमित यादव ने इस अवसर पर कहा कि खेल हमारे स्वस्थ जीवन के लिए आवश्यक हैं। बजट घोषणा के अनुसार ग्रामीण खेलों का आयोजन हो रहा है। उन्होंने कहा कि खेलों से स्वस्थ्य के साथ आपसी सौहार्द, सदभाव व स्वस्थ प्रतिस्पद्र्धा की भावना पनपती है। उन्होंने बताया कि सीकर में 375 ग्राम पंचायतों में ग्रामीण ओलम्पिक खेलों का आयोजन हो रहा है। जिनमें एक लाख से ज्यादा प्रतिभागी हिस्सा ले रहे हैं। वहीं आठ सौ से ज्यादा टीमें खेलों में शिरकत कर रही हैं। मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी सुमन चौधरी ने 50 खिलाडियों को खेल किट भेंट किए गए। सीएलसी सीकर के द्वारा मंच सज्जा व व्यवस्थाओं में सहयोग किया गया। स्काउट मास्टर अलिताब धोबी के निर्देशन में स्काउटों ने अपनी सेवायें दी। अपने संबोधन में सरपंच शिवपाल सिंह मील ने सभी का आभार जताया। कार्यक्रम में उप जिला प्रमुख ताराचंद धायल, पिपराली प्रधान मनभरी देवी, बीसूका जिला उपाध्यक्ष सुनीता गिठाला, जिला कलेक्टर डॉ. अमित यादव, पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप, अतिरिक्त जिला कलक्टर रतन कुमार स्वामी, मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुरेश कुमार, यूआईटी सचिव राजपाल यादव, उपखंड अधिकारी गरिमा लाटा, जिला शिक्षा अधिकारी रामचंद्र पिलानियां, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. निर्मल सिंह, तहसीलदार अमिलाल मीणा, विकास अधिकारी सुरेश पारीक, उप प्रधान विकास मूंड, ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजित शर्मा, प्रधानाचार्य ओमप्रकाश बाटड़, जिप सदस्य प्रतिनिधि कानाराम जाट, धमेन्द्र गिठाला, उप सरपंच शीशराम जाखड़, पूर्व सरपंच सरपंच शिवपाल सिंह मील, पूर्व पंस सदस्य जगदीश जाखड़, पूर्व उप सरपंच मोहनलाल मील, दिनेश शर्मा, जिला फुटबॉल संघ अध्यक्ष बीएल मील, दीनदयाल मील, धर्मेन्द्र मील, सुखदेव जाखड़, पूर्व पार्षद रविकांत तिवाड़ी, राकेश लाटा, मोहरसिंह जाखड़, युसुफ अली, नाथूलाल जांगिड़, ओमप्रकाश कानसूजिया सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित रहे। एसीबीओ बलदेव सिंह बगडिया, सुमन चौधरी व ममता कट्टा ने संचालन किया।

उद्घाटन मैच में खिलाडियों ने दिखाया दम-खम

कबड्डी में कोलीड़ा ए, खो-खो में कोलीड़ा सी जीते

समारोह के बाद बालक वर्ग का कोलीड़ा एवं कोलीड़ा बी टीम के मध्य उद्घाटन मैच खेला गया। अतिथियों ने दोनों टीमों के खिलाडियों व निर्णायकों से परिचय लिया। इस मैच में कोलीड़ा ए की टीम विजयी रही। इस मैच में भंवर सिंह बीरख व डॉ. दिलीप ने निर्णायक की भूमिका अदा की। उधर, बालिका वर्ग के खो-खो मैच में कोलीड़ा सी ने कोलीड़ा एक को 2-9 से पराजित किया। इस मैच में भंवरसिंह निठारवाल व महेश कुमार निर्णायक रहें।

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