चूरु, [सुभाष प्रजापत ] चूरू में बदलते मौसम के मिजाज के साथ अब अस्पताल में रोगियों की संख्या भी बढ़ने लगी हैं। अस्पताल में सर्दी जुकाम, बुखार व उल्टी दस्त के रोगियों अधिक आ रहे है। इसके अलावा इस बार अधिक बारिश के होने के कारण मच्छर जनित रोग बढ़ रहे है। सितम्बर माह में अस्पताल डेंगू का डंक रोगियों को सताने लगा है।अस्पताल में सितम्बर माह में 13 सितम्बर तक 31 हजार 281 रोगियों ने आउट-डोर में डॉक्टर को दिखाकर अपना ईलाज करवाया है। वहीं 1103 रोगियों ने भर्ती होकर इलाज करवाया है। डेंगू व मलेरिया के संभावित रोगियों की संख्या को देखकर अस्पताल प्रषासन भी अलर्ट मोड पर आ गया है। अस्पताल में इसके अलावा 20 मेडिसीन डॉक्टर की टीम बनाई गई। जो डेंगू व मलेरिया पर नजर रख रहे है। इसके अलावा 20 बेड का एक अलग वार्ड भी बनाया गया है। जिसमें अधिक रोगी होने पर भर्ती किया जाएगा।अस्पताल अधीक्षक डॉ. हनुमान जयपाल ने बताया कि अस्पताल में एक सितम्बर से 13 सितम्बर तक 31 हजार 281 रोगी ओपीडी में डॉक्टर को दिखाने के लिए आये है। इसके अलावा 1109 रोगियों ने अस्पताल में भर्ती होकर स्वास्थ्य सेवाएं ली है। उन्होंने बताया कि अस्पताल में एक सितम्बर से 13 सितम्बर तक डेंगू के 382 रोगियों का सेम्पल लिया गया है। जिनमे एनएस-1 के आठ रोगी और एलाइजा टेस्ट में एक रोगी पॉजिटिव पाया गया है। इसके अलावा मलेरिया के 420 रोगियों का सेम्पल लिया गया है। जिनमें एक रोगी मलेरिया पॉजिटिव पाया गया है।डीबी अस्पताल में प्रतिदिन करीब दो हजार से अधिक रोगी डॉक्टर को दिखाने के लिए आते है। इनमें कम से कम 15 सौ से अधिक रोगियों का खून संबंधी विभिन्न जांचे होती है। अस्पताल की सेंट्रल लैब में जांच के लिए मशीन काफी है। मगर उन मशीनों पर काम करने के लिए स्टाफ की कमी है। अगर अस्पताल प्रशासन लैब में टेक्नीशियन की संख्या बढ़ा दे तो रोगियों को जांच की रिपोर्ट देने में समय की बचत हो जायेगी। लेब इंचार्ज डॉ. मोहम्मद नदीन खान ने बताया कि वर्तमान समय में लैब में अनेक प्रकार की जांच हो रही है। चूरू के अलावा भी सुजानगढ़ व लाडनूं तक के क्षेत्र की जांच डीबी अस्पताल की लैब में जांच की जा रही है।अस्पताल में मौसमी बीमारियों संबंधी 20 डॉक्टरों की टीम बनाई गई है। जिनके इंचार्ज अस्पताल के वरिष्ठ फिजीशियन डॉ. मुरलीधर चौधरी को इंचार्ज बनाया गया है। डॉ. चौधरी ने बताया कि अस्पताल में 20 बेड के अलावा 80 बेड का एक बड़ा वार्ड भी तैयार है। अगर डेंगू व मलेरिया के रोगियों की संख्या बढ़ती है तो 80 बेड का वार्ड तैयार है। उसमें रोगियों को भर्ती किया जायेगा।