किसान सभा के माध्यम से सरकार के खिलाफ आक्रोश कर नियंत्रण की मांग उठाई
झुंझुनू, आदर्श समाज समिति इंडिया के तत्वाधान में सूरजगढ़ क्षेत्र में टिड्डी दलों से परेशान किसानों ने किसान सभा के माध्यम से सरकार के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए टिड्डी दलों के हमलों से फसलों को बचाने और टिड्डी को नियंत्रण करने की मांग उठाई है। सूरजगढ़ क्षेत्र में काफी समय से टिड्डी दल किसानों की फसलों को तबाह कर रहे हैं। वर्ष 2020 में प्राकृतिक आपदाओं का दौर निरंतर जारी है। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस से पीछा छूटा नहीं है और टिड्डी के रूप में एक नई मुसीबत सामने आ गई है। राजस्थान के अलावा देश के कई राज्यों में टिड्डी दल किसानों की फसलों को चौपट कर रहे हैं। सरकार टिड्डी दलों से किसानों की फसलों को बचाने में असफल साबित हो रही है। आपदा में अवसर तलाशने वाली मौजूदा केंद्र सरकार कांग्रेस शासित राज्यों में सरकार गिराने में व्यस्त है। इसी क्रम में राजस्थान के मुख्यमंत्री अपनी सरकार बचाने के लिए जूझ रहे हैं। आपदा के समय कुछ महत्वकांक्षी नेता सत्ता हथियाने के लिए संग्राम कर रहे हैं। बेबस जनता और किसान अपनी समस्याओं का रोना रो रहे हैं, जिनकी सुनने वाला कोई नहीं है। आपदा के समय राजस्थान की राजनीति में जो घटनाक्रम हो रहा है, वह बहुत ही शर्मनाक है। आदर्श समाज समिति इंडिया के अध्यक्ष धर्मपाल गांधी ने बताया कि झुंझुनू जिले में महीने भर से टिड्डी दल किसानों की फसलों को चौपट कर रहे हैं। सरकार और प्रशासन की ओर से टिड्डियों को नियंत्रण करने के लिए कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। किसान टिड्डियों के हमलों से तबाह होती फसलों को देखकर परेशान हो रहे हैं। किसान दिनभर थाली, पीपा, परात बजाकर व अन्य ध्वनि प्रदूषण कर टिड्डियों को भगाने का असफल प्रयास करते रहते हैं। सूरजगढ़ क्षेत्र में किसानों की फसलों पर टिड्डियों का हमला जारी है। प्रशासन बिल्कुल मौन है। ग्रीन इको सेवा समिति के अध्यक्ष जयपाल सिंह कुमावत ने कहा कि टिड्डी दलों के हमलों से किसानों की फसलों को बचाने के लिए सरकार को तुरंत प्रभाव से एक्शन लेना चाहिए। सूरजगढ़ क्षेत्र में काफी समय से टिड्डी दल किसानों की फसलों को तबाह कर रहे हैं। कृषि विभाग व टिड्डी नियंत्रण कक्ष की ओर से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं होना चिंता का विषय है। धरतीपुत्र किसान टिड्डी दलों के हमलों से परेशान हो चुके हैं। प्रशासन को टिड्डियों से किसानों की फसलों को बचाने के लिए कोई स्थायी उपाय सोचना चाहिए। किसान सभा में राजेंद्र कुमार, राकेश मनीठिया, सुनील राजोरिया, धर्मपाल गांधी, जयपाल सिंह कुमावत, रघुवीर सिंह जाखड़, ओमप्रकाश भड़िया, कपिल मिस्त्री, जय सिंह मनीठिया, कृष्ण कुमार, रवि कुमार, दिनेश, अमित कुमार, रामनिवास कुमावत, राम सिंह, राजेंद्र, होशियार सिंह आदि अन्य किसानों ने भाग लिया।