योजना के क्रियान्वयन हेतु इंटीग्रेटेड सिस्टम तेयार किया
झुंझुनूं, गांव ढाणी में रहने वाली गर्भवती महिलाओं को सोनोग्राफी के लिए अब भटकना नहीं होगा। उन्हें घर के नजदीक ही निजी सोनोग्राफी केंद्र पर मुफ्त में जांच कराने की सुविधा मिल सकेगी। इसके लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य (मा-वाउचर) योजना लागू करने जा रही है। प्रदेश भर में 3 लाख गर्भवती महिलाओं को यह लाभ मिल सकेगा। वर्तमान में योजना पायलट प्रोजेक्ट के तहत बारां, भरतपुर और फलौदी में जारी है। राज्य सरकार की बजट घोषणा की पालना में अब इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जा रहा है। योजना के सफल क्रियान्वयन की तैयारी के लिए बुधवार को राज्य स्तर से वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक डॉ जितेंद्र कुमार सोनी ने बताया कि प्रदेश में जिन सरकारी अस्पतालों में सोनोग्राफी की सुविधा नहीं है, उन क्षेत्रों में निजी सोनोग्राफी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं को गर्भकाल की दूसरी या तीसरी तिमाही में कम से कम एक जांच निशुल्क करवाने के लिए यह योजना लाई गई है। योजना से समय पर जांच और किसी आशंकित जन्मजात विकृति का पता लगाकर शिशु मृत्यु दर में भी कमी लाई जा सकेगी। सीएमएचओ डॉ राजकुमार डांगी ने इसके लिए जिला स्तर पर शुक्रवार को सीएमएचओ सभागार में बैठक बुलाई है जिसमें ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों को बुलाकर निर्देशित किया जायेगा।
क्या है मां वाउचर योजना ?
सीएमएचओ डॉ राजकुमार डांगी ने बताया कि मां वाउचर योजना के अंतर्गत गर्भवती महिलाओं को उनके मोबाइल नंबर पर एसएमएस द्वारा क्यू-आर कोड आधारित ई-वाउचर मिलेगा। उस वाउचर को देकर किसी भी सूचीबद्ध निजी सेंटर में निःशुल्क सोनोग्राफी कराई जा सकेगी। योजना को ऑनलाइन संचालित किए जाने हेतु विभागीय सॉफ्टवेयर पीसीटीएस, इंपैक्ट व ओजस को इंटीग्रेटेड कर एक ऑनलाइन प्रणाली विकसित की गई है। इसके तहत पीसीटीएस पर पंजीकृत गर्भवती महिलाएं जो उनके एलएमपी तारीख के अनुसार दूसरी या तीसरी तिमाही में चल रही है उन्हें प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस यानी कि महीने की 9, 18 व 27 तारीख को एएनसी जांच के साथ ही सोनोग्राफी जांच का भी लाभ मिल सकेगा।