राज्य में 30 से अधिक तो सीकर जिले में 16 प्रजाति के सांप पाये जाते है
दांतारामगढ़(लिखासिंह सैनी) जहरीले जीवो को देखकर हर कोई ड़रने लगता है वही अपनी जान को खतरा मानकर कई बार इन्हे मार भी देते है।लेकिन शेखावाटी में एक युवक ऐसा भी है जो खतरो का खिलाड़ी बना हुआ है, जो अपनी जान को जोखिम मे ड़ालकर न केवल दूसरो की जान बचाता है । बल्कि उस जीव की भी रक्षा कर उसे सुरक्षित उनके आवास जंगल में छोड़कर आता है l मोदी विश्वविधालय लक्षमनगढ़ के प्राणी शास्त्र विभाग में कार्यरत लेब टेक्निशीयन व शहर के वार्ड़ 23 निवासी कैलाश सैनी है , जो अब तक करीब 3200 से अधिक जहरीले जीवो की जान बचा चुका है । तथा इन जीवो के प्रति आम लोगो मे बनी भ्रान्ती को भी दूर करने में जूटा है। एक सर्वे के अनुसार राजस्थान में 30 से अधिक सांपो की प्रजाति पाई जाती है जिनमें करीब 16 प्रजाति के सांप सीकर जिले में पाये जाते है l सैनी का मानना है कि सांपो के प्रति आम लोगो का नजरिया बहुत गलत था तथा सांप को देखते ही मार ड़ालने धारणा बनी हुई थी जो मन को पीड़ा पहुचाती लेकिन कुछ नही कर पाता जागरूकता के अभाव में अंधविश्वास के चलते एक निरीह प्राणी को मार ड़ालने से बहुत दुखी होता था। ऐसे मे वन्यजीवो को बचाने का संकल्प लिया तथा 2010 में गुरू गोविन्द सिंह इन्द्रप्रस्थ यूनिवर्सिटी नई दिल्ली में सहायक प्रोफेसर ड़ा.एस के दास से प्रेरणा लेकर करीब 3-4 साल तक अध्ययन किया व प्रशिक्षण लेकर पूर्णतया निःशुल्क स्नेक रेक्यू के कार्य में जूट गया जो अनवरत जारी है । सैनी ने अब तक 3 हजार दो से भी अधिक घरो से वन्यजीवो को सुरक्षित पकड़ कर इन परिवारो को सर्पदंश होने से बचाया है। सैनी ने अब तक वाॅर्म स्नेक,रेड़ सैंड़ बोआ (दोमुंहा साॅप) काॅमन सैंड़ बोआ,इंड़ियन कोबरा (नाग) ब्लैक कोबरा(नाग)वुल्फ स्नेक, कैट स्नेक, काॅमन करैत, ब्लैक हेड़ेड़ राॅयल स्नेक,ग्लाॅसी बिलड़ रेसर स्नेक, मोनोक्लेड़ कोबरा,रेड़ स्पाॅटेड़ राॅयल स्नेक, साॅ स्केल्ड़ वाईपर,रसल वाईपर ,एफ्रो एशियन सैड़ स्नेक इनके अलावे गोह घोयरा व माॅनिटर लिजार्ड़ आदि वन्य जीवो को सुरक्षित पकड़कर जंगल में छोड़ा सैनी अपनी यह सेवा निःशुल्क करते है। अपने साथ इन्होने टीम को भी प्रशिक्षत कर साथ जोड़ा है टीम में बुद्धप्रकाश सैनी,सुनील चौधरी जालिम सिंह, ताराचंद सैनी, राजू सैनी, भवानी शंकर सोनी, शशि शर्मा सहयोगी के रूप में काम करते है। सैनी की सेवा भावना से प्रभावित होकर सैनी समाज संस्था, महात्मा ज्योतिबा फुले विकास समिति ब्राह्रण महा संस्था स्काउट गाईड़ आदि ने सम्मानित किया है। सैनी ने 2014 में राजस्थान वाइल्ड़ लाईफ एण्ड़ नेचर सोसायटी का गठन कर वन्यजीवो के प्रति लोगो का नजरिया बदलने लोगो को जागरूक करने सर्पदंश से बचाने पर्यावरण के प्रति जागरूक करने व वृक्षा रोपण करने में जूटे है ।