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उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सैनिक स्कूल में विद्यार्थियों से संवाद कर किया प्रेरित part – 2

कहा- फेल होने का डर आपकी ताकत को कम करता है

झुंझुनूं, उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि फेल होने का डर आपकी ताकत को कम करता है। इसलिए असफलता का भय नहीं रखे। आप जिस भी क्षेत्र में अभिरुचि रखते हैं, उसमें खुल कर आगे बढ़ें। उन्होंने अपने छात्र जीवन को याद करते हुए कहा कि वे हमेशा अपनी कक्षा में प्रथम आते थे, ऎसे में उन्हें डर लगने लगा था कि यदि वे प्रथम नहीं आए, तो क्या होगा। आज सोचते हैं कि प्रथम नहीं आकर दूसरे, तीसरे या चौथे स्थान पर भी रहते, तो भी ज्यादा फर्क नहीं पड़ता। वे झुंझुनूं के दोरासर स्थित सैनिक स्कूल में विद्यार्थियों को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने मंच से घोषणा करते हुए कहा कि वे झुंझुनूं सैनिक स्कूल के विद्यार्थियों के बैच को राज्यसभा की कार्यवाही को देखने के लिए बुलाएंगे। धनखड़ ने विद्यार्थियों को कहा कि आप देश का भविष्य हैं। सैनिक स्कूल से जो भी विद्यार्थी निकलता है, वो चाहे किसी भी क्षेत्र में जाए, अच्छा ही करता है।

इससे पहले सैनिक स्कूल के प्रिंसिपल कर्नल अनुराग महाजन ने धनखड़ दंपति का स्वागत किया। कार्यक्रम का संचालन अभिनंदन सिंह बारहठ ने किया। धनखड़ ने संबोधन के बाद सैनिक स्कूल के व्यायामशाला, खरीददारी केंद्र, आगंतुक अतिथि गृह, बालिका छात्रवास, एकीकृत खेल प्रांगण, बहुउद्देश्यीय हॉल आदि के भवन का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया। उन्होंने इस दौरान पौधारोपण भी किया।

इससे पहले धनखड़ ने लोहार्गल में सूर्य मंदिर में अपनी पत्नी श्रीमती डॉ सुदेश धनखड़ के साथ पूजा अर्चना की, जहां मंदिर के महंत अवेधेशाचार्य ने पूजा अर्चना करवाई। इस दौरान धनखड़ ने विश्व शांति और देश की प्रगति की मंगलकामना की। वहीं देवीपुरा स्थित हैलीपेड पर मुख्यमंत्री के सलाहकार और नवलगढ़ विधायक डॉ. राजकुमार शर्मा, जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरी, नवलगढ़ प्रधान दिनेश सुंडा, जिला कलक्टर डॉ. खुशाल ने उपराष्ट्रपति का स्वागत किया।
धनखड़ दंपति ने झुंझुनूं में रानी शक्ति मंदिर में पूजा-अर्चना की। झुंझुनूं हैलीपेड पर पूर्व विधानसभाध्यक्ष सुमित्रा सिंह और जिला प्रमुख हर्षिनी कुल्हरी ने उनका स्वागत किया। इस दौरान उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया।

जब पहली बार सैनिक स्कूल में प्रवेश लिया था ः

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि आज झुंझुनूं सैनिक स्कूल में आने पर उन्हें वो दिन याद आ गया है जब वे पहली बार सैनिक स्कूल में बतौर विद्यार्थी गए थे। उन्होंने कहा कि वे एक गांव से निकलकर पहली बार शहर गए थे और सैनिक स्कूल की गुणवत्तापूर्ण शिक्षा ने उनकी जीवन की नींव रखी। उन्होंने विद्यार्थियों को सैनिक स्कूल के विद्यार्थी होने की बधाई देते हुए कहा कि आप भाग्यशाली हैं।

“हर 6 महीने में स्कूल की प्रगति में नया आयाम मिलेगा”

धनखड़ ने कहा कि मैं वादा करता हूं कि झुंझनूं सैनिक स्कूल की प्रगति में हर 6 महीने में नया आयाम मिलेगा। उन्होंने कहा कि झुंझुनूं जिले ने सैन्य बलों को बड़ा योगदान दिया है। धनखड़ ने चंद्रयान अभियान की सफलता और देश की वैश्विक स्तर पर प्रगति का जिक्र करते हुए कहा कि वर्ष 2047 तक भारत विश्व का सिरमौर होगा।

जिला कलक्टर डॉ. खुशाल की तारीफ की –

उपराष्ट्रपति धनखड़ ने विद्यार्थियों को संबोधित करने के बाद सैनिक स्कूल के नवनिर्मित विभिन्न भवनों का उद्घाटन करने के दौरान जिला कलक्टर डॉ खुशाल की तारीफ करते हुए कहा कि ‘‘ ही ईज एन एर्नर्जेटिक मैन ( वे एक ऊर्जावान व्यक्ति हैं)‘‘। उन्होंने सैनिक स्कूल के विकास के संबंध में भी जिला कलक्टर से चर्चा की।

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