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जमीन पर बिखरे चायनीज मांझे से वृद्ध ने किया कमाल
70 वर्षीय वृद्ध के इस कमाल को देखकर हुआ हर कोई दंग, पतंग उड़ाने वाले चायनीज मांझे से बना डाली वृद्ध ने चारपाई
दो चारपाई के लिए रेखाराम झाझड़ा और कात रहे है धागा, ट्यूबवेल में मोटर के साथ डाली जाने वाली रस्सी से आया आइडिया
रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] चायनीज मांझे का प्रयोग जहां आमजन के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है और सरकार की पाबंदियों के बावजूद धड़ल्ले से इसकी बिक्री हो रही है। ठीक उसके उलट 70 वर्षीय वृद्ध ने चायनीज मांझे पर प्रयोग करते हुए नई तकनीकि ईजाद की है। मांझे की उलझन से परेशान होकर किसान ने उसे सुलझा लिया तथा अब इस मांझे से चारपाइयां तैयार कर रहे हैं। हम बात कर रहे हैं भरतियों की ढाणी में रहने वाले 70 वर्षीय रेखाराम झाझड़ा की। रेखाराम अपने आसपास फैले हुए चायनीज मांझे से परेशान होकर इसको जलाने की बजाय उपयोगी बना डाला। रेखाराम ने चायनीज मांझा एकत्रित करके चकरी के सहारे उसे कात लिया तथा उसकी रस्सी तैयार करके अपने घर में बने ट्यूबवैल में मोटर लटकाने में काम में ली। जब उनका यह प्रयास सफल रहा, तो उन्होंने आगे कदम बढ़ाए और चायनीय मांझे को कातकर चारपाई के निर्माण में जुट गए। झाझड़ा ने उक्त धागे से गत वर्ष एक चारपाई तैयार भी कर ली है, जो उपयोगी साबित हुई है। इस वर्ष मकर संक्रांति पर जब चायनीज मांझा बिखरा, तो उन्होंने उसे एकत्रित कर कात लिया तथा दो चारपाई के लिए रस्सी तैयार कर रहे हैं और शीघ्र ही चारपाई का निर्माण भी करेंगे।