बीडीके अस्पताल से स्वस्थ होकर डिस्चार्ज
झुंझुनू, पीएमओ एवं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ वीडी बाजिया ने बताया कि राजकीय बीडीके अस्पताल झुंझुनूं में 8 जनवरी को रोड नंबर एक पर रेहड़ी पर मिली नन्ही बच्ची मुस्कान को 50 दिन के बाद डिस्चार्ज किया गया। वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जितेन्द्र भाम्बू ने बताया कि अत्यधिक ठंड में प्रातःकाल में मिली लावारिस नन्ही बच्ची कोल्ड स्ट्रैस,लो शुगर लेवल, सांस में तकलीफ़ के चलते भर्ती करवाई गयी थी। विगत 50 दिनों में बच्ची के स्वास्थ्य में काफ़ी उतार-चढाव आये। कम वजन,प्रिमैच्युरिटी,रेस्पारेट्री डिस्ट्रैस,पिलिया एवं दुर्लभ ब्लड ग्रुप आदि की गंभीरता के कारण बच्ची का उपचार काफ़ी चुनौतीपूर्ण रहा है।
डॉ जितेन्द्र भाम्बू के अनुसार बच्ची को सिपैप के द्वारा प्रारम्भिक तौर पर कृत्रिम रूप से सांस देकर स्थिरता प्रदान की गई।तथा निरंतर सांस की गति,युरिन आउटपुट, हृदय गति आदि को मानिटाॅर किया गया है। बच्ची को प्रथम 20 दिन के उपचार बाद काफ़ी सुधार आने लगा। चिकित्सको एवं स्वास्थ्यकर्मियों की मेहनत से बच्ची धीरे धीरे अतिगंभीरता से सामान्य की तरफ आई तथा वजन 2.300 किलो होने पर डिस्चार्ज किया गया है। पीएमओ डॉ बाजिया ने बताया कि बच्ची को बाल सुधार गृह को सुपुर्द कर दिया गया है तथा समय समय पर बीडीके अस्पताल द्वारा फोलो अप जारी रहेगा। गौरतलब है कि लावारिस बच्ची हेतु विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं माताएं मदद हेतु सहयोग देने हेतु आगे आए तथा माताओ ने भी बच्ची को स्तनपान कराने हेतु सहमति जताई गई थीं।
डॉ भाम्बू ने बताया कि लंबे समय तक बच्ची की देखभाल करने से स्वास्थ्यकर्मियों में बच्ची के प्रति स्नेह बढ़ता गया।तथा प्रतिदिन स्वास्थ्यकर्मी बच्ची के स्वास्थ्य के बारे में अवश्य चर्चा करते थे। डॉ बाजिया ने बताया कि लावारिस बच्चों को फैंके नहीं,उन्हे पालनागृह में रखा देवे ताकि अस्पताल बच्चों को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर सके एवं उक्त की पहचान गुप्त रखी जाएगी। बच्ची को सुपुर्द करते हुए समय पीएमओ एवं वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ वीडी बाजिया, वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ जितेन्द्र भाम्बू, डॉ सिद्धार्थ शर्मा, इंचार्ज राजेन्द्र यादव,सुमन बुडानिया,नीलम थाकन, प्रियंका, रुपकला, बबिता आदि उपस्थित रहे।