पिता ही निकला अपने दोनों बच्चों व दादी का कातिल, अपनी पत्नी के चरित्र पर था शक
चूरू, [सुभाष प्रजापत ] चूरू जिले के राजगढ़ क्षेत्र के गांव भैंसली में लग रही रहष्यमई आग से पुलिस ने पर्दा उठा ही डाला। जिला पुलिस अधीक्षक जय यादव प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि मदनलाल विश्नोई थानाधिकारी हमीरवास को 10.02.2024 को भूपसिंह पुत्र स्वं० सुमेरसिंह जाति जाट निवासी भैंसली तहसील राजगढ़ जिला चूरू के मकान में करीब 05-06 दिनो से अज्ञात कारणो से आग लगने की सुचना प्राप्त हुई जिस पर थानाधिकारी मय जाप्ता के गांव भैंसली में खेत में मकान बनाकर रह रहे भूपसिंह के आवास पर पहुंचे एवं जिला एफएसएल युनिट प्रभारी के साथ भूपसिंह के मकान में जली हुई चीजो का निरीक्षण कर जली हुई चीजों को धारा 102 सीआरपीसी में जब्त किया गया।थानाधिकारी द्वारा पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि भूपसिंह की दादी किस्तुरी देवी की (31.01.2024) एंव लड़का गर्वित उम्र 04 साल (13.02.2024) व अनुराग उम्र 08 साल (28.02.2024) की संदिग्ध परिस्थतियो में करीब 01 माह के दौरान ही तीनों की मौत हुई है। तीन जनों की संदिग्ध मौत एवं लगातार अज्ञात कारणो से आग लगने की घटनाओ की गंभीरता को देखते हुऐ मौका पर पुलिस जाप्ता तैनात किया गया। तत्पश्चात दिनांक 13.03.2024 को सुबह एक बार फिर भूपसिंह के मकान के पास रखे पशु चारा में आग लग गई जिस पर पुलिस टीम मौका पर पहुंची तो भूपसिंह व उसके परिजनों द्वारा पुलिस टीम पर हमला एवं सरकारी गाड़ी में तोड़ फोड़ कर दी गई पुलिस अधिकारियों एंव गांव के मौजिज व्यक्तियो द्वारा समझाईस की जाने पर तीन संदिग्ध मौतो के सम्बंध में 13.03.2024 को मर्ग दर्ज कर जांच मदनलाल विश्नोई थानाधिकारी पुलिस थाना हमीरवास द्वारा शुरू की गई। एक महिला एंव 2 मासुम बच्चों की संदिग्ध तरीके से मौतें हो चुकी थी एंव भूपसिंह के मकान में अज्ञात कारणों से लगातार आग लग रही थी। जिस कारण बिगड़ती कानून व्यवस्था एवं लोगों में तांत्रिक शक्तियो में विश्वास करने से भय का माहौल पैदा हो गया था जिस पर किशोरीलाल अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजगढ के निर्देशन एंव प्रशांत किरण सहायक पुलिस अधीक्षक राजगढ, जिला चूरु केसुपरविजन में मदनलाल विश्नोई थानाधिकारी पुलिस थाना हमीरवास जिला चूरू के नेतृत्व में तीन जनों की संदिग्ध मौत व अज्ञात कारणो से लग रही आग की घटना के खुलासे हेतु वैज्ञानिक तरीके से जांच करने हेतु टीम का गठन किया। उक्त घटनाओ के घटित होने की अवधि के दौरान अंधविश्वास एवं तांत्रिक प्रवृतियो को बढ़ावा देने वाले षडयन्त्रकारी लोगों ने परिवार व गांव के लोगो में मौतों के लिए किसी अदृष्य एंव अज्ञात शक्ति का वास्ता देकर भय का माहौल पैदा कर दिया जो पुलिस विभाग के लिए एक चुनौती बन गया था। उक्त चुनौतियों, संदिग्ध मौतों एंव आग लगने के कारणों का पता लगाने के लि मृतक गर्वित के दफनाएं गये शव को जमीन से बाहर निकलवाकर मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाया गया एंव मृतक गर्वित के विसरा जार एफएसएल में परीक्षण हेतु जमा करवाये गये। संदिग्ध मौतो के सम्बंध में गठित टीम द्वारा गांव भैंसली एंव सम्भावित स्थानों से महत्वपूर्ण आसुचनाए एकत्रित की गई जिससे ज्ञात हुआ की भूपसिंह की मेडिकल की दुकान है तथा उसने जीएनएम का कोर्स कर रखा है तथा पूर्व में भगवानी देवी अस्पताल राजगढ में कम्पाउडर का कार्य भी करता था। भूपसिंह के मकान गांव भैंसली में पुलिस जाप्ता तैनात करने के बाद अज्ञात कारणो से आग लगना भी बंद हो गई। गठित पुलिस टीम द्वारा किये गये प्रयासो एवं प्राप्त आसुचनाओं से तीनों मौतों एवं संदिग्ध आगजनी में भूपसिंह की भूमिका का संदिग्ध होना पाया गया। गठित पुलिस टीम के निरंतर और अथक प्रयासों से संदिग्ध मौतों एंव आगजनी की गुत्थी सुलझ रही थी इसी बीच मृतक गर्वित के विसरा की परीक्षण रिपोर्ट एफएसएल से प्राप्त हुई जिसके अनुसार विसरा में बारबिटयूरेट ड्रग की उपस्थिति होना पाई गई। संदिग्ध मौतों के सम्बन्ध में पुलिस टीम द्वारा प्राप्त आसुचनाओं एंव एफएसएल परीक्षण रिपोर्ट से मृतको किस्तुरी देवी, गर्वित, अनुराग की षडयंत्रपूर्वक हत्या किया पाये जाने पर प्रकरण पुलिस थाना हमीरवास पर दर्ज कर अनुसंधान मदनलाल विश्नोई थानाधिकारी हमीरवास द्वारा शुरू किया गया। मुकदमा के अनुसंधान से एवं पुलिस टीम द्वारा प्राप्त आसुचनाओ के आधार पर भूपसिंह पुत्र सुमेरसिंह जाति जाट निवासी भैंसली तहसील राजगढ़ जिला चूरू की किस्तुरी देवी, गर्वित व अनुराग की हत्या में भूपसिंह कि भूमिका संदिग्ध पाये जाने पर पूछताछ हेतु राउण्ड अप किया गया।अनुसंधान से पाया गया कि भूपसिंह को अपनी पत्नी के चरित्र पर शक था साथ ही उसे यह भी शक था कि गर्वित व अनुराग उसके स्वयं के बच्चे नही है जिस पर भूपसिंह ने गर्वित व अनुराग की हत्या करने की योजना बनाई जिसके लिए किसी को शक न हो सबसे पहले अपनी दादी किस्तुरी देवी को खांसी की दवाई में जहर मिला कर पिला दिया जिसकी मृत्यु हो गई। 13.02.2024 को भूपसिंह ने अपने बेटे गर्वित को जहर दे दिया जिस पर गर्वित की मौत हो गई। इसके बाद भूपसिंह ने अपने दुसरे पुत्र अनुराग को मारने के लिए 28.02.2024 को जहर दे दिया जिससे अनुराग की मौत हो गई। भूपसिंह ने अपनी दादी किस्तुरी देवी, बेटे गर्वित व अनुराग की हत्याओ की घटनाओ को छुपाने के लिऐ एवं गांव के लोगों से सहानुभूति प्राप्त करने हेतु अपने मकान में स्वयं ही सोडियम से आग लगाना शुरू कर दिया तथा किस्तुरी देवी, गर्वित व अनुराग की मृत्यु एंव आग को तंत्र विधा से लगना बताकर सहानुभूति प्राप्त कर ली। जब भूपसिंह के मकान से पुलिस द्वारा जली हुई चीजो को जब्त किया जाकर परीक्षण हेतु एफएसएल भेजा गया तो भूपसिंह को अपने द्वारा कि गई हत्याओं का राज खुलने का डर सताने लगा तब भूपसिंह ने पुलिस को घटना से दूर करने हेतु अपने परिवार के लोगो को उकसाकर पुलिस टीम पर हमला करवा दिया। शेखावाटी लाइव के लिए चूरू से सुभाष प्रजापत की रिपोर्ट