ये कैसी व्यवस्था आम आदमी पर कड़ाई माननीयों पर ढिलाई
कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा की उपस्थिति में उडी गाइड लाइन की धज्जियां
झुंझुनू, कोरोना का कहर लगातार चलता आ रहा है। इसमें भी कोई शक नहीं है कि जिन परिवारों पर कोरोना ने कहर बरपाया है इसके कारण उन्होंने क्या खोया है यह तो वही जानते हैं और कोई नहीं। लंबे समय से लगे लॉकडाउन और उसके बाद आर्थिक हालातों ने आम आदमी की कमर तोड़ कर रख दी है। सबसे ज्यादा प्रभाव समाज के मध्यम वर्गीय परिवारों पर पड़ा है क्यों पड़ा है इसकी गहराई में जाने की आवश्यकता नहीं है आप और हम सभी जानते हैं। कोरोना को बचाव को लेकर सरकार की गाइडलाइन आ चुकी है और इसको लेकर प्रशासन द्वारा चालान काटने संबंधित कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है। ऐसे समय में सबसे बड़ा सवाल उठता है कि सड़क पर चलने वाले आम आदमी का और दुकानदारों का चालान तो काट दिया जाता है लेकिन बात नेताओं और रसूखदार लोगों की करें तो उनके चालान काटे कौन ? यह सड़ा सबसे बड़ा यक्ष प्रश्न है जो मन को विचलित करता है। पिछली बंदिशों में दिन भर ठेला चला कर 200 -300 रु कमाने वाले लोगों का उनकी दिनभर की कमाई से चालान काटते हुए देखा है। हाथ जोड़कर उनके द्वारा की जाती हुई मिन्नते में देखी हैं। जिसको देखकर मन विचलित भी हुआ लेकिन फिर विचार आया कि यह सख्ती इनकी भलाई के लिए ही की जा रही है। लेकिन जब गरीब और आम आदमी पर कड़ी कार्रवाई की जा सकती है तो बड़े राजनेताओं या अधिकारियों पर यह कार्रवाई क्यों नहीं की जाती ? इसका छोटा सा उदाहरण आज हम आपके सामने पेश कर रहे हैं सीकर जिले के लक्ष्मणगढ़ उप जिला अस्पताल की एडवांस लाइफ सपोर्ट एंबुलेंस का आज कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष एवं लक्ष्मणगढ़ विधायक गोविंद सिंह डोटासरा द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इस अवसर पर जो तस्वीर सामने आई है उसको यदि कोरोना गाइड लाइन की कसौटी के आधार पर परखते है तो वह अपने आप में कई बड़े सवाल खड़े करती है। जिसमें जो खुद में सरकार हैं आम जनता के लिए नियम बनाते हैं या सत्तासीन पार्टी के सर्वोच्च पद पर आसीन हैं वह इसकी पालना करने में संजीदा दिखाई नहीं पड़ते तो आम जनता से पालना करने की उम्मीद करना कितना हास्यास्पद और विरोधाभासी है। इस कार्यक्रम में देखा गया कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष स्वयं भी मास्क लगाए हुए नहीं है वहीं इस दौरान ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की गई ,वही मौके पर उपस्थित अधिकतर लोगों के मास्क नहीं लगे हुए थे और ना ही सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की गई। तो सवाल खड़ा होता है माननीयों के चालान काटे कौन ?