चोरी प्रकरण में शामिल दो चोर गिरफ्तार, झुंझुनू भी आए थे शातिर चोर
रतनगढ़, [सुभाष प्रजापत ] रतनगढ़ के घंटाघर के पास स्थित मोबाइल शोरूम के ताले तोड़कर 20 लाख रुपए के 63 मोबाइल चोरी करने की घटना में पुलिस को 15 दिन बाद मंगलवार को सफलता मिली है। जब इस चोरी प्रकरण में शामिल दो चोर अपनी अग्रिम जमानत करवाने के चक्कर में रतनगढ़ आए, तो मुखबीर की सूचना पर पुलिस ने उन्हें बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार चोरों से पूछताछ जारी है। पुलिस ने बिहार निवासी 27 वर्षीय एजाज अंसारी एवं 50 वर्षीय समन अंसारी को गिरफ्तार किया है। इस प्रकरण में अन्य लिप्त चोरों की तलाश में पुलिस की तीन टीमें अभी भी जुटी हुई है, जिसमें डीएसटी व साइबर टीम भी शामिल है। सब इंसपेक्टर देवी सहाय ने बताया कि मोबाइल शोरूम में हुई चोरी प्रकरण में छह चोर लिप्त है। इनका सबका अलग-अलग कार्य है। इस चोरी की रूपरेखा घटना के 15 दिन पूर्व नोएडा में प्लान की गई थी। उसके बाद दो जने घटना से पांच-छह दिन पहले रतनगढ़ आए तथा उक्त मोबाइल शोरूम की एवं पुलिस गश्त की रैकी करके गए थे। उसके बाद चार जनों ने चोरी की घटना को अंजाम दिया। घटना के बाद ये लोग अलग-अलग रास्तों से होते हुए स्टेशन पहुंचे तथा वहां से बीकानेर की टिकट लेकर राजलदेसर उतर गए। राजलदेसर से ये लोग टेक्सी लेकर सालासर गए। वहां से होते हुए झुंझुनूं पहुंच गए और गुड़गांव में रहने वाले अन्य साथियों के साथ मिल गए। गिरफ्तार आरोपियों के पास से अभी चोरी हुए मोबाइल बरामद नहीं हुए हैं। प्रारंभ पूछताछ में पता चला कि ये लोग गुड़गांव से बिहार और नेपाल की तरफ भी चले गए और चोरी हुए मोबाइल को नेपाल ले जाना बताया गया है। पुलिस की एक टीम नोएडा, नेपाल व बिहार में इस प्रकरण को लेकर दबिश दे रही है। पुलिस ने बताया कि इनके गांव के 100-150 व्यक्ति चोरी की घटनाओं में लिप्त है। ये अलग-अलग टीमें बनाकर चोरी की घटना को अंजाम देते हैं। प्लान बनाने के साथ ही ये लोग अपने मोबाइल बंद कर लेते हैं तथा दूसरी सिम से एक-दूसरे से बात करते हैं। इस चोरी प्रकरण में भी गिरफ्तार चोर समन अपने साडू निराज के साथ इस शोरूम की रैकी करके गया था। उसके बाद घटना कारित की। घटना को लेकर थाना प्रभारी दिलीपसिंह के निर्देशन में पुलिस की टीमें लगातार पिछले 15 दिनों से इनका पीछा कर रही है तथा मंगलवार को दो लोगों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। शेखावाटी लाइव के लिए रतनगढ़ से सुभाष प्रजापत की रिपोर्ट