दर्द की पीड़ा से कराहते हुए आई थी 80 वर्षीय बुजुर्ग महिलाएं डिस्चार्ज होते समय थी चेहरे पर मुस्कान
मुस्कुराता हुआ चेहरा लेकर मरीज आशीर्वाद देते हुए जाता है तो लगता है आशीर्वाद से बढ़कर कुछ भी नहीं – डॉक्टर मोनिका ढूकिया
झुंझुनू के ढूकिया हॉस्पिटल में 80 + वर्षीय 2 महिलाओं का हुआ सफलतापूर्वक घुटना प्रत्यारोपण ऑपरेशन
ईसीएचएस योजना में हुआ कैशलेस फ्री इलाज
झुंझुनू, स्क्रीन पर आप देख रहे हैं 80 वर्षीय भूरी देवी को जो कि झुंझुनू जिले के छऊ ग्राम निवासी सागर राव की धर्मपत्नी है। घुटने के दर्द की असहनीय पीड़ा ने जहां इनको चलने में असमर्थ कर दिया था। वह आपके सामने बिना वोकर की सहायता से चलकर सामने आ रही है। इनका घुटने का प्रत्यारोपण हुआ है और आज तीसरे दिन ही यह अपने पैरों पर चलकर डिस्चार्ज होकर घर जा रही हैं। चिकित्सा क्षेत्र की यह उपलब्धि किसी बड़े शहर की नहीं बल्कि हमारे झुंझुनू शहर के ढूकिया हॉस्पिटल की है। इनका ईसीएचएस योजना में कैशलेस फ्री इलाज हुआ है। वही दूसरा केस जो आप देख रहे हैं वह है झुंझुनू जिले की खेतड़ी की तहसील के गांव का जिसमें 80 वर्ष से अधिक उम्र की भतेरी देवी पत्नी रामस्वरूप के दूसरे घुटने का भी सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण किया गया है। इनका भी ईसीएचएस योजना में कैशलेस फ्री इलाज हुआ है। इनके पति रामस्वरूप में जानकारी देते हुए बताया कि मेरी पत्नी लंबे समय से घुटनों के दर्द से परेशान थी। फिर हाल ही में ढूकिया हॉस्पिटल में सफलतापूर्वक हुए घुटना प्रत्यारोपण के मामलों की जानकारी मिली तो अस्पताल का नाम सुनकर वह आए। पहले तो मन में बहुत सी शंकाए थी कि इस उम्र में यह घुटनों पर चल पाएंगे या नहीं।
लेकिन जब ढूकिया हॉस्पिटल में ही 1 महीने पहले इनके एक घुटने को सफलतापूर्वक प्रत्यारोपण कर दिया और इन्हें असहनीय दर्द से निजात मिली तो आज वह अपनी पत्नी के दूसरे घुटने का भी प्रत्यारोपण अस्पताल से सफलतापूर्वक करवा कर डिस्चार्ज होकर खुशी खुशी घर जा रहे हैं। ढूकिया हॉस्पिटल जॉइंट प्रत्यारोपण के मामले में क्षेत्र में लगातार अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाता जा रहा है। ज्वाइंट रिप्लेसमेंट विशेषज्ञ डॉक्टर विवेक चौधरी ने जानकारी देते हुए बताया कि दोनों ही वृद्ध महिलाएं 80 से प्लस उम्र की हैं और जब यह अस्पताल पहुंची तो चलने में असमर्थ थी साथ ही असहनीय दर्द से भी पीड़ित थी। आज उनका सफलतापूर्वक घुटना प्रत्यारोपण करके उनको डिस्चार्ज किया जा रहा है। ढूकिया हॉस्पिटल की संचालिका डॉ मोनिका डूकिया ने इस अवसर पर अस्पताल में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत हो रहे कैशलेस फ्री इलाज के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए अस्पताल में सफलतापूर्वक किए गए जटिल ऑपरेशन की जानकारी एवं संसाधनों के बारे में विस्तार से बताया। वही जब उनसे पूछा गया कि वृद्ध महिला डिस्चार्ज होते समय आप लोगों को सर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दे रही है इसकी अनुभूति कैसी है तो उन्होंने कहा कि मरीज जब डिस्चार्ज होकर मुस्कुराता हुआ चेहरा लेकर आशीर्वाद दे कर जाता है तो उस समय जो खुशी महसूस होती है उसको शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। इसके साथ ही उनका कहना था कि वह गौरान्वित महसूस करती है कि वह ढूकिया हॉस्पिटल के एक कड़ी के रूप में कार्य कर रही है।