झुंझुनू शहर की स्कूल झुंझुनू एकेडमी से जुड़ा है मामला
स्कूल के अध्यापक सुरेंद्र शर्मा पर है बेरहमी से पिटाई करने का आरोप
झुंझुनू, स्कूलों में मारपीट के समाचार तो आज तक आपने बहुत सुने और देखें होंगे लेकिन आज एक अध्यापक की निर्दयता का अनोखा मामला सामने आया है। झुंझुनू शहर के एक स्कूल के अध्यापक ने अपने गुरूर में ही एक छात्र की बेरहमी से पिटाई कर डाली। जी हां, जो मामला सामने आया है उससे देख कर तो लगता है कि अध्यापक के गुरुर को यह बात नागवार गुजरी। जिसके चलते उसने निर्दयता से छात्र को पीटा है। पीडित की जुबानी जो कहानी सामने आई है उसमे शिक्षक ने पाइपों से ग्यारहवीं क्लास के स्टूडेंट की बड़ी निर्ममता से पिटाई कर डाली। कसूर सिर्फ इतना था कि वह स्कूल के बाद अपने परिजनों की अनुमति से घूमने के लिए पहाड़ी पर गया था और वहां की फोटो फेसबुक पर अपलोड कर दी। बस गुरूर वाले गुरूजी को यही बात नागवार गुजरी और उन्होंने मासूम छात्र की बड़ी निर्ममता से पिटाई कर डाली। झुंझुनू के मनोहर सैनी के पुत्र हिमांशु सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि मैं झुंझुनू एकेडमी के 11वीं कक्षा का छात्र हूं। मैं कल अपने परिजनों की अनुमति से घूमने के लिए गया था। जिसकी फोटो मैंने सोशल मीडिया पर अपलोड की थी। स्कूल के अध्यापक सुरेंद्र शर्मा ने मुझे इस बात पर बड़ी निर्ममता से पीटा। हिमांशु ने जानकारी देते हुए बताया कि पाइपों से मारते हुए जब एक पाइप टूट गई तो अध्यापक सुरेंद्र शर्मा ने उसे दूसरी पाइप से पीटा। छात्र हिमांशु के शरीर पर पिटाई के लाल निशान आज तक छपे हुए हैं जो उसके साथ हुई बर्बरता की कहानी को बयां कर रहे है। शरीर के विभिन्न स्थानों के साथ उसके सर और अंगुली में भी चोट आई है। छात्र हिमांशु ने बताया कि जब इसकी शिकायत उसने स्कूल के प्रधानाचार्य को की तो उन्होंने भी उल्टा छात्र को ही धमकाया यदि घर पर जाकर यह बात किसी को बताई तो तुम्हारी टीसी काट दी जाएगी। गुरुर वाले गुरूजी के बाद रौब वाले प्रधानाचार्य का सामना भी पीड़ित को करना पड़ा। हिमांशु की मां सुलोचना सैनी ने जानकारी देते हुए बताया कि मेरे बच्चे को इतना बेरहमी से पीटा गया है कि मेरा बेटा जब बेहोश हो गया तब भी वह अध्यापक उसे पीटता रहा। वही झुंझुनू कोतवाली के हेड कांस्टेबल सज्जन कुमार जो इस मामले की अनुसंधान कर रहे हैं। उनका कहना था कि शहर की झुंझुनू एकेडमी के स्कूल मैं पढ़ने वाले 11वीं के छात्र हिमांशु ने रिपोर्ट दी है। इस पर मामला दर्ज किया गया है और अनुसंधान किया जा रहा है। वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि वर्तमान में शिक्षा जहां मनोविज्ञान पर आधारित हो चली है ऐसी स्थिति में बिना किसी कसूर के मासूम छात्र की बेरहमी से पिटाई करना गुरु शिष्य के रिश्ते की आत्मीयता पर भी कलंक है। वही वर्तमान में मनोविज्ञान पर आधारित जितने टीचिंग मेथड सामने आ रहे हैं उसमें एक अध्यापक के लिए कहा जाता है टीचिंग स्किल में असफल अध्यापक को ही डंडे का सहारा लेना पड़ता है। हालांकि यह मामला टीचिंग की समस्या से जुड़ा हुआ नहीं है बल्कि यह तो सीधे-सीधे गुरु के गुरुर से जुड़ा हुआ दिखाई पड़ता है।