बैठक के बाद हुई कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की झड़प ने खोली एकजुटता के दावे की पोल
कांग्रेस को थैले से बाहर निकालने एवं दरी बिछाने की बात पर आग बबूला हुआ ओला गुट
झुंझुनू, आपने वह कहावत तो सुनी होगी कि एक बार चौबे जी थे उन्होंने छब्बे जी बनने की ठानी तो उल्टा ही हो गया और वह दुबे जी बन कर रह गए। यही कहावत कल झुंझुनू में कांग्रेस पर सटीक बैठती हुई दिखाई दी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस के राष्ट्रीय चिंतन शिविर में पार्टी को नए सिरे से मजबूती प्रदान करने की दिशा में कदम उठाने की घोषणा की गई थी। इसी क्रम में जिला संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए एवं संगठन क्या भविष्य में क्या रूप हो इसी की थाह पाने के लिए कांग्रेस के जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव चौधरी झुंझुनू के एक निजी होटल में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं की बैठक लेने के लिए पहुंचे थे। बैठक तो निपट गई लेकिन उसके बाद में जो हालात नजर आए उन्होंने कांग्रेस के एकजुटता के दावे की पोल खोल कर रख दी। मंत्री बृजेंद्र ओला गुट के लोग पूर्व चेयरमैन झुंझुनू एवं ब्लॉक अध्यक्ष तय्यब अली को मंच पर बैठाने के मामले को लेकर नाराज हो गए। उनका कहना था कि मंच और संचालन को बार-बार कहने के बावजूद भी उनकी अनदेखी की गई। वही बुहाना के पूर्व प्रधान हरपाल सिंह ने बैठक में कहा कि झुंझुनू में कांग्रेस को एक थैले में डाल रखा है उसको बाहर निकालने की आवश्यकता है। इस बात व कांग्रेस में दरी बिछाने की बात ने ओला गुट के कार्यकर्ताओं में आग में घी डालने का काम कर दिया। जिसके बाद कांग्रेस के कार्यकर्ता आपस में ही उलझ गए। कांग्रेस में बृजेंद्र ओला गुट के खलील बुडाना और अन्य कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में बैठक के बाद आपस में ही झड़प होने लगी। झड़प इतनी ज्यादा बढ़ गई कि एक ही पार्टी के कार्यकर्ता इतनी मर्यादा भी भूल गए और गाली गलौज तक उतारू हो गए। खलील बुडाना ने तो यहां तक कह दिया कि 2 मिनट लगेगी कांग्रेस खड्डे में गड जाएगी। कांग्रेस के जिला निर्वाचन अधिकारी संजीव चौधरी का कहना था कि योग्यता के आधार पर संगठन तैयार किया जायेगा। वही जिले के मंत्रियो के नहीं आने के सवाल पर उनका कहना था की मंत्री बृजेंद्र जी का तो मेरे पास फ़ोन आया था वह किसी यात्रा में है। बाकि ऑलमोस्ट सभी है। बहरहाल कांग्रेस के जिला निर्वाचन अधिकारी कुछ भी कहें लेकिन यह देखा गया है कि संगठन के बड़े आयोजन से अमूमन मंत्री बृजेंद्र ओला नदारद ही पाए जाते हैं। वहीं पिछले दिनों जिले की प्रभारी मंत्री ममता भूपेश ने जब जिला कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक ली थी जिसमे भाजपा के एमपी और विधायक भी पहुंचे थे लेकिन उसमें भी मंत्री ओला नहीं पहुंचे थे। संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए जो कल जो आगाज कांग्रेस द्वारा किया गया उसमे बने जूतम पैजार के हालात को देखकर सहज ही अंजाम का अंदाजा लगया जा सकता है। वही बनने वाले नए जिलाध्यक्ष भी कांग्रेस की परिपाटी तोड़कर स्वतंत्र रूप से पार्टी चला पाएंगे यह भी देखने वाली बात होगी।