Breaking Liveझुंझुनूताजा खबरपरेशानीविशेषवीडियो

Video News – झुंझुनू नगर परिषद सामान्य कार्यों में ही फेल

तो वही विशेष कार्यों में भी खेल होने के लग रहे हैं आरोप

झुंझुनू, झुंझुनू नगर परिषद लंबे समय से ही चर्चा और समाचारों की सुर्खियों में रही है। यह बात अलग है कि उपलब्धियां की बजाय यह विवादों के और कार्यशैली को लेकर ही ज्यादा समाचारों की सुर्खियों में बनी है। कांग्रेस सरकार में जहां भाजपाई जन समस्याओं को लेकर अपना मुखर विरोध दर्ज करवाते थे लेकिन भाजपा की जब से सरकार बनी है तो अब वह भाजपाई भी शांत हो चले हैं। शहर की सामान्य समस्या साफ-सफाई, सड़कों पर पड़े गड्ढे, सीवरेज के टूटे ढक्कन, आवारा पशुओं की समस्या जैसी बहुत सारी सामान्य समस्याएं हैं। उनमें भी नगर परिषद को नाकामयाब साबित हुई है। आवारा पशु तो झुंझुनू शहर की सड़कों पर दिन से लेकर रात में भी धमा चौकड़ी चौकड़ी मचाते रहते हैं जिसके चलते कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। जैसा शेखावाटी के कई स्थानों पर हो चुका है। वही विशेष कार्य कोचिंग संस्थान, बड़े इंस्टीट्यूट, निजी अस्पताल में भवन निर्माण की पालना, अग्नि सामान को लेकर एनओसी, स्वीकृति के अनुसार निर्माण कार्य हुआ है या नहीं हुआ इनमें तो नगर परिषद पर लगातार खेल होने के आरोप सोशल मीडिया पर लगते आ रहे हैं। चाहे फेसबुक हो या व्हाट्सएप ग्रुप नगर परिषद की कार्य शैली पर लोग खुले आम आरोप लगाते और तंज कस्ते हुए नजर आते हैं। चाहे झुंझुनू की विरासत हवेलियां हो उनके तोड़े जाने का मामला हो और नगरीय विकास एवं स्वायत शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा द्वारा नगर परिषद को इस मामले पर आवश्यक दिशा निर्देश देने के साथ शपथ पत्र पर जारी हुए पट्टो को निरस्त करने के लिए आदेश दिया हो लेकिन अभी तक उनके आदेशों की कितनी पालना हो पाई है इसको लेकर भी संशय है। वही सरकार के शीर्ष पर बैठे हुए लोगों के निर्देशों की पालना नहीं हो पाती तो ऐसी स्थिति में झुंझुनू नगर परिषद में जाने वाले आमजन की कितनी सुनवाई होती होगी। इसका भी अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। सूचना केंद्र में ठेकेदार द्वारा विकसित किए गए पार्क के नाम पर हुए पूरे घपले के मामले में समाचारों के द्वारा और व्यक्तिगत रूप से नगर परिषद आयुक्त को अवगत करवाया गया लेकिन अभी तक नतीजा वही ढाक के तीन पात है।

पता नहीं भाजपाइयों की, सरकार की या जिला प्रशासन के शीर्ष पर बैठे हुए अधिकारियों की ऐसी कौन सी मजबूरी है जिसके चलते वह झुंझुनू नगर परिषद के सामने खुद को असहाय ही पाते हैं। वहीं आम जनता अपने भड़ास सिर्फ व्हाट्सएप्प ग्रुप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ही निकाल कर कुछ अपना मन हल्का जरूर कर लेती है और इस भड़ास में झुंझुनू नगर परिषद पर बड़े-बड़े गंभीर आरोप भी लगाए जाते हैं। यहाँ तक न्यायालय द्वारा नियुक्त किए गए न्याय मित्र के के गुप्ता भी झुंझुनू की कार्यशैली से थक हार कर लगता है अपने हथियार डाल चुके हैं। पिछले दिनों झुंझुनू के दर्जन से भी अधिक पार्षदों ने नगर परिषद आयुक्त के चेंबर के बाहर धरना प्रदर्शन किया था लेकिन कुछ समय बाद ही राजनीतिक दखलंदाजी के चलते इन पार्षदों को भी इस कार्य शैली के सामने सरेंडर ही करना पड़ा। जिस नगर परिषद में सामान्य कार्य भी ठीक से संचालित नहीं हो पा रहे हो विशेष और बड़े कार्यों में पारदर्शिता और निष्पक्षता की आशा करना बेमानी साबित होगा। झुंझुनू नगर परिषद फेल या खेल को लेकर आगे भी हमरी यह श्रृंखला जारी रहेगी। शेखावाटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू

Related Articles

Back to top button