पुलिस थाने के बाहर धरना प्रदर्शन में शामिल भाजपा जिला अध्यक्ष मावंडिया सहित 19 लोगों के खिलाफ किया मामला दर्ज
टोंक छीलरी निवासी गुमशुदा बोदूराम सैनी से जुड़ा है मामला
उदयपुरवाटी, [कैलाश बबेरवाल ] पुलिस थाने के बाहर सड़क जाम एवं विरोध प्रदर्शन करने वालों के खिलाफ पुलिस थाने में मामला दर्ज हुआ है। जानकारी के अनुसार उदयपुरवाटी थाना उप निरीक्षक सुरेश सिंह ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया है कि राष्ट्रीय फुले ब्रिगेड प्रदेश अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सैनी निवासी साईवाड़ थाना शाहपुरा जिला जयपुर, झुंझुनू भाजपा जिलाध्यक्ष पवन मांवडिया, रवि सैनी निवासी नवलगढ़, बागोरिया की ढाणी सरपंच राजेंद्र प्रसाद सैनी, चिराना पूर्व सरपंच भुदर मल सैनी, चिराणा मास्टर प्रभाती लाल, बागोरिया की ढाणी कॉमरेड गौरी शंकर सैनी, गुहाला नरसिंहपुरी पूर्व सरपंच गोपाल सैनी जिला सीकर, खिरोड़ निवासी राजेश कटेवा, सोटवाड़ा निवासी राहुल, नवलगढ़ बिरोल निवासी प्रताप पूनिया, एडवोकेट श्रवण सैनी निवासी उदयपुरवाटी, एडवोकेट रतन लाल सैनी सीकर, ताराचंद सैनी पहाडि़ला, विजेंद्र सैनी टोडपुरा, सुभाष सैनी रुपाली टोडपुरा, राजेंद्र राठी गिरधरपुरा, सुशील सैनी उदयपुरवाटी, ढेवा की ढाणी सरपंच महेंद्र सिंह के नेतृत्व में 250 से 300 महिलाएं व पुरुष एक राय होकर स्टेट हाईवे पर रोड़ जाम करके आमजन को परेशान करने व सरकारी संपत्ति की तोड़फोड़ व आग लगाने की धमकी दी है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कस्बे में स्थित पुलिस थाने के बाहर नवलगढ़ क्षेत्र के टोंक छीलरी निवासी गुमशुदा बोदूराम सैनी के मामले में पुलिस थाने में पीड़ित परिजनों के द्वारा मामला दर्ज करवाया गया था। पुलिस प्रशासन के द्वारा बार-बार समय मांग कर 9 दिन तक लापता वृद्ध का कोई सुराग नहीं लगा। पीड़ित परिवार का कहना था कि पुलिस थानाधिकारी बृजेंद्र सिंह पीड़ित परिजनों को आश्वासन पर आश्वासन देते रहे। वहीं पीड़ित परिजनों का कहना है कि जब इस संबंध में कार्रवाई के लिए पुलिस अधिकारियों से पूछा जाता है तो धमकियां दी जाती हैं। इस पर आक्रोशित परिजनों व ग्रामीणों ने पुलिस थाने का घेराव उदयपुरवाटी व नवलगढ़ क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों के द्वारा सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन किया गया था। 7 घंटे तक चले विरोध प्रदर्शन के बाद झुंझुनू एसपी मृदुल कच्छावा से प्रदर्शनकारियों की गठित कमेटी के 17 सदस्यों द्वारा 6 सूत्री मांगों पर सकारात्मक वार्ता हुई थी। वार्ता के बाद धरना स्थल को समाप्त कर दिया गया, साथ ही कमेटी के सदस्यों ने मौखिक मांग की थी कि किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज नहीं होना चाहिए। इस दौरान मौखिक वार्ता मे पुलिस अधीक्षक के द्वारा आश्वासन दिया गया था कि किसी भी व्यक्ति पर मुकदमा दर्ज नहीं किया जाएगा। पुलिस आश्वासन पर धरना स्थल से लोगों के हटने के बाद पुलिस अधिकारियों ने 19 नामजद सहित अन्य 300 पर राज कार्य बाधा का मामला दर्ज किया है। इस संबंध में जब आंदोलन कर रहे जनप्रतिनिधियों से संवाददाता ने वार्ता की तो उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशासन की सकारात्मक वार्ता के बाद धरने को समाप्त किया गया था। पुलिस प्रशासन गुमशुदा वृद्ध बोदूराम की तलाश करने की बजाय, उल्टा पीड़ित परिजनों एवं ग्रामीणों को ही उल्टे मुकदमे में फंसा कर गुमशुदा बोदूराम के मामले को रफा-दफा करना चाहती है। आरोपियों पर पुलिस दबाव के चलते कोई कार्रवाई नहीं करना चाहती है। लेकिन प्रशासन की तानाशाही कतई बर्दाश्त नहीं होगी। जल्दी ही जो कमेटी गठित की गई थी। उस कमेटी से वार्ता कर उग्र आंदोलन किया जाएगा। जिसकी अनहोनी की संपूर्ण जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी।