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Video News – कांग्रेस में छिड़ी रार : भाजपा जाना चाहती है पार, मंत्री अशोक चांदना और सचिन पायलट के मामले ने पकड़ा तूल

भाजपा कांग्रेस के गरम तवे पर सेकना चाहती है रोटी

हाल ही में हुए कार्यक्रम में राज्य सरकार के मंत्री अशोक चांदना पर जूते चप्पल फेंके गए

झुंझुनू, हाल ही में हुए कार्यक्रम में राज्य सरकार के मंत्री अशोक चांदना पर जूते चप्पल फेंके गए और उनका विरोध करते हुए सचिन पायलट जिंदाबाद के नारे लगाए गए। यह मामला लगातार तूल पकड़ता जा रहा है। इसके बाद मंत्री चांदना के बयान भी सामने आए हैं। मंत्री अशोक चांदना ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि जूता फेकने जैसी घटना कादा कीचड़ जैसी हरकत है। उन्होंने कहा कि जिस युगपुरुष को लेकर यह कार्यक्रम था उन्होंने एक समाज को नहीं बल्कि 5 जातियों को आरक्षण दिलवाया। उनके कार्यक्रम में ऐसी हरकत करना जहां पर जो शहीद परिवारों के लोग बैठे हुए थे उनको जाकर यह जूता चप्पल लगे हैं यह कादा कीचड़ जैसी हरकत ही है। वहीं उन्होंने कहा कि यह एक प्री प्लांड घटना है। जूते चप्पल फेकना कोई नई घटना नहीं है लेकिन यह घटना पूरी तरह प्लान की गई थी। जिसके तथ्य भविष्य में उजागर होंगे। ऐसी हरकत जनता के मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए की जा रही है। वही उनका इशारा सचिन पायलट की तरफ था कि आंखें बंद किसी के नहीं है यह हरकत जिन लोगों ने की है। वह उनके साथ उठने बैठने वाले कार्यकर्ता ही हैं। कांग्रेस के कुनबे में रार कोई पहला मामला नहीं है। जब से इस बार कांग्रेस की सरकार बनी है यह लगातार सामने आ रहा है। लेकिन इसमें खास बात यह है कि जब-जब कांग्रेस की रार समाचारों की सुर्खियां बनी तो भाजपा के बयानवीर भी सामने आए हैं। कुछ नेताओं ने ट्वीट भी किया कि संघर्ष किसी ने किया और फायदा कोई ले जाएगा तो ऐसी घटना होगी ही। बहरहाल लगता है कि भाजपा कांग्रेस की रार के चलते ही पार पाना चाहती है और कांग्रेस की आपसी खींचतान की जो गर्मी है उसके तवे पर रखकर ही अपनी रोटियां सेकना चाहती है। क्योंकि ऐसा पहली बार देखा गया है कि कई बार सरकार को घेरने के बड़े मुद्दे भी सामने आए। भाजपा अपने साथ आम जनता को भी जोड़ने में इस दौरान नाकामयाब साबित हुई। जितने भी पार्टी स्तर के आह्वान पर आंदोलन हुए उनमें सिर्फ उनके पदाधिकारी और कार्यकर्ता ही नजर आए वही आमजनता ने उनसे दुरी ही बनाए रखी। वही लगता है कि विपक्ष के रूप में मजबूत पार्टी समझे जाने वाली भाजपा अब सत्ता का सुख लेने की आदी हो चुकी है जिसके चलते उसकी विपक्ष के रूप में झूझने की क्षमता उसकी अब खत्म हो चली है। जिसके चलते अब इस सरकार का कार्यकाल खत्म होने का इंतजार कर रही है और आस लगाए बैठी है कि एक बार कांग्रेस को एक बार भाजपा की परिपाटी के चलते अगले चुनाव में प्रदेश की जनता उनको सत्ता की बागडोर सौंप देगी।

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