दर्जनों पंचायतों के ग्रामीणों ने उपखंड अधिकारी को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा ज्ञापन
ग्रामीणों ने 5 सूत्री मांगों को लेकर सौंपा ज्ञापन
उदयपुरवाटी, [कैलाश बबेरवाल ] विधानसभा क्षेत्र के दर्जनों पंचायतों के ग्रामीणों ने उपखंड कार्यालय पर “नहीं जाना नहीं जाना नीमकाथाना” नारेबाजी करते हुए उपखंड कार्यालय में पहुंचकर एसडीएम को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में लिखा है कि भौगोलिक दृष्टि से उपखंड दो भागों में विभाजित है। जिसका पहला हिस्सा नीमकाथाना के नजदीक आता है। दूसरा हिस्सा मैदानी क्षेत्र जो झुंझुनू के नजदीक पड़ता है। पहाड़ी क्षेत्र की पंचायतों को नीमकाथाना में मिलाया जाना उनकी सुविधा के अनुसार नजदीक होने पर उचित है। लेकिन मैदानी क्षेत्र जो इंद्रपुरा से बड़ागांव तक की पंचायतें हैं उनको नीमकाथाना में शामिल करने पर इन गांव की दूरी 60 से 70 किलोमीटर एवं सांस्कृतिक दृष्टि से उचित नहीं है। उदयपुरवाटी विधानसभा क्षेत्र में दो तहसील एवं एक उप तहसील है, जो उदयपुरवाटी गुढ़ा गोड़जी गुडा पौंख है। गुढ़ा गोड़जी तहसील की सभी ग्राम पंचायत उदयपुरवाटी तहसील के नजदीक सिंगनौर, रघुनाथपुरा, धमोरा, जेतपुरा, पोषणा एवं इंद्रपुरा पंचायतों को नीमकाथाना जिले में शामिल नहीं कर झुंझुनू जिले में शामिल रखना जरूरी है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि सरकार समय रहते हुए इस पर विचार करें अन्यथा उग्र जन आंदोलन किया जाएगा। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन व प्रशासन की होगी, साथ ही मांगे नहीं माने जाने पर जयपुर कूच करेंगे। इस दौरान क्षेत्र के सरपंच बामलास से जयपाल जाखड़, धमोरा से रमेश उदयपुरवाटी बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक विद्याधर औलखा, सिंगनौर से डॉक्टर हरिसिंह गोदारा, भोड़की से विद्याधर सिंह गिल, रघुनाथपुरा से संजय नेहरा, मैनपुरा से महेंद्र सिंह, केड से रविराज, भाटीवाड़ से विजयपाल, पोषणा से अमित ढ़ेवा, हांसलसर से सुनील महला, बजावा से नरेंद्र सिंह सहित पदाधिकारी एवं पूर्व तथा वर्तमान जनप्रतिनिधि मौजूद थे।