Breaking Liveअपराधझुंझुनूताजा खबरपरेशानीविशेषवीडियो

Video News – भाजपा के ब्रांड बन चुके बुलडोजर की कमान झुंझुनू में भूमाफियाओ के हाथ !

रात के अँधेरे में फिर चला विरासत पर बुलडोज़र, हवेली के बचे हुए हिस्से को किया ध्वस्त

झुंझुनू, भाजपा के यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर अभियान पूरे वर्ल्डवाइड चर्चा में रहा था लेकिन झुंझुनू में इस बुलडोजर की कमान लगता है भूमाफियाओं के हाथ में है यह कहे तो भी अतिशयोक्ति नहीं होगी। झुंझुनू शहर की स्थापत्य कला और सांस्कृतिक विरासत पर रात के अंधेरे में बुलडोजर चलाकर हवेलियों को ध्वस्त किया जा रहा है लेकिन शासन और प्रशासन अपनी आंखों पर पट्टी बांधे हुए बैठा है। दरअसल आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में झुंझुनू के शहीदान चौक में छऊ हवेलियों के नाम से मशहूर हवेलियों में से एक हवेली को रात के अंधेरे में तोड़ दिया गया। इस दौरान झुंझुनू नगर परिषद का जाब्ता पहुंचता है और मौके पर तोड़ फोड़ को रुकवा दिया जाता है और पिछले कुछ दिनों से वहां पर झुंझुनू नगर परिषद के एक अग्नि शमन की एक गाड़ी हर समय तैनात रहती है ताकि बची हुई हवेली को नहीं तोड़ा जा सके लेकिन दो-तीन दिन पूर्व ही अचानक से अग्नि शमन की वह गाड़ी वहां से हटा दी जाती है और परसों रात को विरासत पर पीले बुलडोजर का एक बार फिर से कहर देखने को मिलता है।

इस मामले में गत दिनों झुंझुनू के दौरे पर आए नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंह खर्रा को अवगत करवाते हुए ज्ञापन भी दिया जाता है,जिसमे इन हवेलियों में पुराने मंदिर होने का भी हवाला दिया गया था। तो उन्होंने जिला कलेक्टर और नगर परिषद आयुक्त को झुंझुनू की हवेलियों का सर्वे करने के लिए भी कहा था ताकि उनको विरासत घोषित किया जा सके। साथ ही इस मामले पर नगर परिषद में भी बैठक के दौरान उन्होंने कहा था की शपथ पत्र पर जो हवेलियों के पट्टे जारी किए गए हैं उनको तुरंत प्रभाव से निरस्त किया जाए। अभी तक झुंझुनू नगर परिषद की तरफ से कोई रुख स्पष्ट नहीं किया गया है कि शपथ पत्र पर बने हुए हवेलियों के पट्टों को निरस्त करने के संदर्भ में क्या कार्रवाई की जा रही है। वहीं नगर परिषद आयुक्त से दूरभाष पर संपर्क करने का प्रयास किया जाता है लेकिन वह फोन रिसीव नहीं करती है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस हवेली के किराएदारों द्वारा पट्टा बनाकर बेचान करने का यह पूरा मामला है और जिस तरीके से रात के अंधेरे में और सरकारी छुट्टियों के बीच इस हवेली को खुर्द करने का प्रयास किया जाता है उसे साफ प्रतीत होता है कि कहीं ना कहीं कुछ तो गड़बड़ है और मौके पर नगर परिषद का जाब्ता पहुंचकर रात को तोड़ फोड़ रूकवाता है लेकिन कुछ दिनों के बाद फिर से हवेली के बचे हुए भाग को तोड़कर नष्ट कर दिया जाता है। यदि इस पूरे मामले में किसी प्रकार का कुछ गलत कार्य नहीं हुआ था तो सवाल खड़ा होता है झुंझुनू नगर परिषद ने रात के समय में जाकर वहां पर हवेली की तोड़फोड़ को क्यों रोका और उसके बाद भी अग्नि शमन की गाड़ी को वहां पर निगरानी के लिए क्यों रखा और वहां पर रखा तो उसको अचानक से हटा क्यों लिया गया और उसके हटते ही रातों-रात फिर से एक बार हवेली के बचे हुए हिस्से को भी तोड़ दिया गया। इसपर झुंझुनू नगर परिषद के जिम्मेदारों ने एक्शन क्यों नहीं लिया।

इस पूरे मामले को कांग्रेस सरकार के समय स्थानीय भाजपा नेता बड़े जोर शोर से उठा रहे थे लेकिन सरकार उनकी, सिस्टम उनका फिर भी अपने आप को वह असहाय क्यों समझ रहे हैं यह बात समझ से परे है। वही नगरीय विकास एवं स्वायत शासन मंत्री के संज्ञान में पूरा मामला आने के बाद भी इस हवेली के बचे हुए हिस्से को भी तोड़कर नष्ट कर दिया जाता है। इसी बात से तोड़फोड़ करने वालों के इरादे और पहुंच का अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। इस पूरे मामले को लेकर अब भाजपा नेता भी चुप्पी साधे हुए हैं। वहीं कोई समाजसेवी और इसके साथ ही मीडिया का भी मौन धारण करना अपने आप पर बहुत बड़ी बात है। वही आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हाल ही में शेखावाटी के फतेहपुर दौरे पर आई उप मुख्यमंत्री दिया कुमारी ने भी पुरानी हवेलियों के संरक्षण की बात पर जोर दिया था और एक पूरा प्लान भी तैयार करने की बात कही थी लेकिन झुंझुनू में ऐसे हालातो में शासन और प्रशासन कहीं भी नजर नहीं आ रहा अब तो लोग भी तंज कसने लगे हैं कि आखिर यह सरकार चला कौन रहा है। शेखावाटी लाइव ब्यूरो रिपोर्ट झुंझुनू

Related Articles

Back to top button